विकसित भारत 2047 के लिए मिथुन महोत्सव तथा कृषि-व्यवसाय शिखर सम्मेलन का आयोजन

विकसित भारत 2047 के लिए मिथुन महोत्सव तथा कृषि-व्यवसाय शिखर सम्मेलन का आयोजन

26 जून, 2025, नागालैंड

भाकृअनुप-कृषि विज्ञान केन्द्र, फेक ने भाकृअनुप-राष्ट्रीय मिथुन अनुसंधान केन्द्र, पोरबा के सहयोग से पोरबा गांव में विकसित भारत 2047 के लिए मिथुन महोत्सव और कृषि-व्यवसाय शिखर सम्मेलन का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य क्षेत्र में टिकाऊ कृषि, मूल्य संवर्धन और कृषि-उद्यमिता को बढ़ावा देना था।

कार्यक्रम का उद्घाटन श्री म्हथुंग यंथन, सलाहकार (कृषि), नागालैंड सरकार और 16 एसी पफुट्सेरो के डॉ. नीसातुओ मेरो, विधान सभा सदस्य ने किया।

डॉ. मेरो ने समुदाय के नेतृत्व वाले कृषि विकास, मजबूत बाजार प्रणालियों और राष्ट्रीय लक्ष्यों के साथ जुड़े सामूहिक विकास पर जोर देते हुए एक दूरदर्शी भाषण दिया।

श्री यंथन ने मशीनीकरण और कृषि उद्यमिता द्वारा पूरक पारंपरिक प्रथाओं की प्रासंगिकता को रेखांकित किया।

Mithun Mahotsav and Agri-Business Summit for Viksit Bharat 2047 Organised

डॉ. किशोर के. बरुआ (भाकृअनुप जनरल बॉडी), डॉ. सी. चट्टोपाध्याय (पूर्व कुलपति, उत्तर बंगा कृषि विश्वविद्यालय) तथा श्री वेज़ोप केन्ये, आईएएस (कृषि उत्पादन आयुक्त) सहित प्रमुख वक्ताओं ने अर्ध-गहन मिथुन खेती, प्राकृतिक खेती, युवा उद्यमिता और आधुनिक तकनीकों को अपनाने पर जोर दिया।

डॉ. गिरीश पाटिल, निदेशक, भाकृअनुप-एनआरसीएम ने कृषि व्यवसाय और मूल्यवर्धित मिथुन उत्पादों में अवसरों पर प्रकाश डाला। कृषि निदेशक श्री सानुज़ो नीनू ने विकसित भारत 2047 के विजन के तहत खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भरता के महत्व पर जोर दिया।

डॉ. बी.एम. सुनेप इमचेन, निदेशक, पशुपालन और पशु चिकित्सा सेवाओं ने थो थो मवेशियों के माध्यम से बेहतर मिथुन प्रबंधन और विविधीकरण की वकालत की।

कार्यक्रम का समापन किसान संवाद सत्र, कृषि इनपुट वितरण और उत्कृष्ट मिथुन किसानों को पुरस्कार के साथ हुआ।

फेक और मेलुरी जिलों के 400 से अधिक किसानों ने भाग लिया, जिससे यह कार्यक्रम नागालैंड में समावेशी कृषि विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बन गया।

(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय मिथुन अनुसंधान केन्द्र, पोरबा और भाकृअनुप-कृषि विज्ञान केन्द्र फेक)

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