25 जून 2025, गोवा
भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान (सीसीएआरआई) के तहत भाकृअनुप-कृषि विज्ञान केन्द्र (केवीके), उत्तरी गोवा ने मायम गांव, बिचोलिम तालुका में कोंकण कन्याल बकरी पालन पर एक संयुक्त फील्ड डे और पशु स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया। ये कार्यक्रम राष्ट्रीय जलवायु अनुकूल कृषि नवाचार (एनआईसीआरए) परियोजना के प्रौद्योगिकी प्रदर्शन घटक (टीडीसी) के तहत पशुपालन और पशु चिकित्सा सेवा विभाग (एएचवीएस), गोवा सरकार, गोवा डेयरी और कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (एटीएमए), उत्तरी गोवा के सहयोग से आयोजित किया गए थे।

फील्ड डे का उद्देश्य कोंकण कन्याल बकरी नस्ल को बढ़ावा देना तथा स्थानीय कृषि-जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल होने पर ध्यान केन्द्रित करना था। केवीके उत्तरी गोवा के वरिष्ठ वैज्ञानिक और प्रमुख, डॉ. एन. बोम्मयासामी ने अनुसंधान एवं जमीनी स्तर की खेती के बीच की खाई को पाटने में इस तरह की पहल के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने किसानों के आत्मविश्वास को बढ़ाने, नवाचार को बढ़ावा देने और टिकाऊ पशुधन प्रथाओं को अपनाने को प्रोत्साहित करने में फील्ड प्रदर्शनों की भूमिका पर प्रकाश डाला।
समानांतर रूप से, पशु स्वास्थ्य शिविर में आवश्यक पशु चिकित्सा सेवाएं और विशेषज्ञ परामर्श प्रदान किए गए। 120 से अधिक गायों की चिकित्सकीय जांच की गई और किसानों को दुग्ध उत्पादन बढ़ाने, स्तनदाह की रोकथाम और संतुलित पोषण पर विशेषज्ञ मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। पशुओं को कृमिनाशक, यकृत टॉनिक, कैल्शियम सप्लीमेंट और मल्टीविटामिन सहित पशु चिकित्सा दवाएं वितरित की गईं।

इसके अलावा, 150 से अधिक बैकयार्ड पोल्ट्री पक्षियों को पोषण संबंधी टॉनिक दिए गए साथ ही किसानों को जैव सुरक्षा, टीकाकरण प्रोटोकॉल तथा पोल्ट्री रोग रोकथाम रणनीतियों के बारे में शिक्षित किया गया।
एकीकृत कार्यक्रम से कुल 38 किसान (फील्ड डे के लिए 17 और स्वास्थ्य शिविर के लिए 21) लाभान्वित हुए, जिसमें 10 महिलाएँ शामिल थीं। इस कार्यक्रम में स्वच्छ दूध उत्पादन, प्रजनन प्रबंधन, रणनीतिक कृमि मुक्ति, जलवायु-अनुकूल पशुधन पद्धतियाँ और समग्र निवारक स्वास्थ्य सेवा जैसे प्रमुख विषयों पर ध्यान केन्द्रित किया गया।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, गोवा)
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