25 जून, 2025, रांची
भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली द्वारा भाकृअनुप-आईएआरआई, झारखंड तथा कृषि विभाग, झारखंड सरकार के सहयोग से नेपाल हाउस, रांची में ‘झारखंड में आजीविका एवं पोषण सुरक्षा बढ़ाने के लिए अनुसंधान एवं बीज प्रणाली को मजबूत बनाने’ पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यक्रम का उद्देश्य उन्नत फसल किस्मों के गुणवत्ता वाले बीजों की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत बीज प्रणाली विकसित करना था, जिससे क्षेत्र में कृषि उत्पादकता, लाभप्रदता और आजीविका सुरक्षा में वृद्धि हो सके।
कार्यशाला में, श्री अबूबकर सिद्दीकी पी, सचिव (कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता), झारखंड सरकार; डॉ. चेरुकमल्ली श्रीनिवास राव, निदेशक, भाकृअनुप-आईएआरआई, नई दिल्ली; श्री गोपाल तिवारी, विशेष सचिव (कृषि); श्री भोर सिंह यादव, निदेशक (कृषि); श्री अनन्य मित्तल, सीईओ, जेएसएलपीएस; श्री विकास कुमार, निदेशक, समेटी; डॉ. विश्वनाथन चिन्नुसामी, संयुक्त निदेशक (अनुसंधान), भाकृअनुप-आईएआरआई; भाकृअनुप संस्थानों, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय बीज निगम (एनएससी), हिंदुस्तान कीटनाशक लिमिटेड, निजी बीज कंपनियों और राज्य भर के प्रगतिशील किसानों एवं अधिकारियों ने भाग लिया।

श्री अबूबकर सिद्दीकी पी ने बीज प्रतिस्थापन कार्यक्रम के तहत 100% सब्सिडी वाले बीज वितरण सहित राज्य के चल रहे प्रयासों पर जोर दिया। उन्होंने बीज ग्राम मॉडल और विकेन्द्रीकृत बीज उत्पादन में प्रगतिशील किसानों को शामिल करने जैसी दीर्घकालिक रणनीतियों का आग्रह किया।
डॉ. चेरूकमल्ली श्रीनिवास राव ने भारत की खाद्य सुरक्षा को आगे बढ़ाने में भाकृअनुप-आईएआरआई की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला और जैव-फोर्टिफाइड, जलवायु-अनुकूल किस्मों और कृषि-जलवायु अनुकूलन पर ध्यान केन्द्रित करते हुए झारखंड-विशिष्ट बीज नीति की आवश्यकता पर बल दिया।
श्री गोपाल तिवारी ने भाकृअनुप संस्थानों को स्थानीय बीज उत्पादन के लिए किसानों और अधिकारियों की क्षमता का निर्माण करने के लिए प्रोत्साहित किया। स्थानीय स्तर पर उत्पादित बीजों की सुनिश्चित खरीद के बारे में चिंताएं समेटी द्वारा उठाई गईं, साथ ही राज्य एजेंसियों के साथ समर्पित अनुवर्ती कार्रवाई के सुझाव भी दिए गए। एनएससी प्रतिनिधियों ने बीज उत्पादन के बुनियादी ढांचे में रसद संबंधी चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला।
कार्यशाला का समापन भाकृअनुप संस्थानों और एनएआरईएस हितधारकों के साथ साझेदारी में झारखंड में एक टिकाऊ और आत्मनिर्भर बीज प्रणाली स्थापित करने के उद्देश्य से एक रणनीतिक नीति पत्र तैयार करने की सहमति के साथ हुआ।
कार्यशाला में वैज्ञानिकों, संबंधित विभागों के अधिकारियों, बीज निगमों, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों, केवीके, प्रगतिशील किसानों, एफपीओ और निजी क्षेत्र के प्रतिनिधियों सहित लगभग 70 प्रतिभागियों ने शिरकत की।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली)
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