महानिदेशक, भाकृअनुप ने भाकृअनुप-आरसीईआर, रांची का किया दौरा

महानिदेशक, भाकृअनुप ने भाकृअनुप-आरसीईआर, रांची का किया दौरा

10 सितंबर, 2025, रांची

डॉ. एम.एल. जाट, सचिव (कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) ने आज भाकृअनुप-पूर्वी क्षेत्र अनुसंधान परिसर, पहाड़ी एवं पठारी क्षेत्र कृषि प्रणाली अनुसंधान केन्द्र (एफएसआरसीएचसीपीआर), रांची का दौरा किया। उनके साथ, डॉ. डी.के. यादव, उप-महानिदेशक (फसल विज्ञान), भाकृअनुप, भी थे।

वैज्ञानिकों तथा कर्मचारियों के साथ बातचीत के दौरान, डॉ. जाट ने टीम वर्क के महत्व पर ज़ोर दिया और पूर्वी क्षेत्र में सहभागी तरीके से काम करने के लिए समर्पित राज्य-वार वैज्ञानिक समूहों के गठन का प्रस्ताव रखा। उन्होंने पूरे क्षेत्र में दक्षता, दृश्यता और ठोस परिणामों को बढ़ाने के लिए "एक टीम, एक कार्य" दृष्टिकोण पर जोर दिया। इक समन्वय की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने अनुसंधान एवं शिक्षा के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में आस-पास के भाकृअनुप संस्थानों के साथ सहयोगात्मक पहल को भी प्रोत्साहित किया। 

 

DG, ICAR Visits ICAR-RCER, Ranchi

डॉ. जाट ने केन्द्र द्वारा विकसित नवीन तकनीकों, जिनमें उन्नत फसल किस्में, ग्राफ्टिंग तकनीक, सौर ऊर्जा चालित मशीनरी, औषधीय पौधे और अन्य किसान-केन्द्रित नवाचार शामिल करने तथा उन्हें प्रदर्शन हेतु लगे विभिन्न प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने पूर्वी भारत के पहाड़ी और पठारी पारिस्थितिकी तंत्र के लिए क्षेत्र-विशिष्ट समाधान प्रदान करने में केन्द्र के योगदान की सराहना की।

डॉ. जाट ने ऐसे किसानों की उपलब्धियों की सराहना की और उन्हें राष्ट्र का गौरव बताया। उन्होंने अनुसंधान-संचालित नवाचारों के माध्यम से और अधिक किसान-उद्यमियों को विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया।

महानिदेशक (भाकृअनुप) ने केन्द्र से जुड़ी एक नवोदित उद्यमी श्रीमती अलबीना एक्का के साथ-साथ रांची जिले के प्रगतिशील किसानों से भी बातचीत की। इस अवसर पर, उन्होंने केन्द्र परिसर में एक पौधा भी लगाया, जो स्थिरता, विकास और भावी पीढ़ियों के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। उन्होंने नवीन तकनीकों की प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया और पूर्वी भारत के पहाड़ी और पठारी क्षेत्रों के लिए किसान-उन्मुख समाधान विकसित करने में केन्द्र के प्रयासों की सराहना की।

DG, ICAR Visits ICAR-RCER, Ranchi

इस अवसर पर, सोयाबीन की एक सब्जी किस्म "स्वर्ण वसुंधरा" के व्यावसायिक उत्पादन हेतु एबीआई इनक्यूबेटी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया। एक प्रगतिशील किसान ने एफएसआरसीएचपीआर के साथ सहयोग के माध्यम से, बीज तथा रोपण सामग्री उत्पादन में कृषि-उद्यमी बनने की अपनी यात्रा साझा की।

कार्यक्रम में, डॉ. सुजय रक्षित, निदेशक, भाकृअनुप-भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान, रांची; डॉ. विशाल नाथ पांडे, विशेष कार्याधिकारी, भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, झारखंड; श्री विकास कुमार, निदेशक, एसएएमआईटीआई , झारखंड; और डॉ. शिवेंद्र कुमार, पूर्व प्रमुख, एफएसआरसीएचपीआर, रांची उपस्थित थे।

डॉ. अनूप दास, निदेशक, भाकृअनुप-आरसीईआर, पटना ने सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) को केन्द्र की चल रही अनुसंधान एवं विकासात्मक पहलों का अवलोकन प्रस्तुत किया।

(स्रोत: भाकृअनुप-पूर्वी क्षेत्र अनुसंधान परिसर, रांची)

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