कृषि विस्तार संभाग की प्रमुख गतिविधियों में कृषि विज्ञान केन्द्रों के जरिए प्रौद्योगिकी में मूल्यांकन, सुधार और प्रदर्शन करना है। भा.कृ.अनु.प. संस्थानों और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के तहत 44 कृषि प्रौद्योगिकी सूचना केन्द्रों की स्थापना की गयी है। कृषि में महिलाओं हेतु राष्ट्रीय अनुसंधान केन्द्र, भुवनेश्वर, उड़ीसा में स्थित है। उप महानिदेशक (कृषि विस्तार) इसके प्रमुख हैं और इनकी सहायता के लिए 2 सहायक महानिदेशक हैं।
महत्वपूर्ण क्षेत्र
- प्रौद्योगिकी/उत्पादों का मूल्यांकन, सुधार और प्रदर्शन
- कृषकों को प्रशिक्षण
- विस्तार कर्मियों को प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण
- कृषि प्रौद्योगिकी सूचना केन्द्रों के जरिए प्रौद्योगिकी उत्पादों/नैदानिक सेवाओं और सूचना हेतु सिंगल विंडो डिलीवरी
- लिंग विशेष प्रौद्योगिकी का विकास
- कृषकों में उन्नत कृषि प्रौद्योगिकियों हेतु जागरुकता फैलाना।
उपलब्धियां
- 637 कृषि विज्ञान केन्द्रों का नेटवर्क
- विभिन्न कृषि पद्धतियों के तहत 4189 खेतों पर 537 प्रौद्योगिकियों के परीक्षण कर स्थान विशेषता की पहचान करना
- कृषकों के खेतों पर नई जारी उत्पादन प्रौद्योगिकियों की उत्पादन क्षमता के प्रदर्शन के लिए 53,974 प्रथम पंक्ति प्रदर्शनों का आयोजन किया गया।
- कृषि और संबंध क्षेत्रों में 10 लाख से ज्यादा कृषकों और कृषि विस्तार कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया।
- लगभग 4.19 मिलियन किसानों और अन्य उपभोगियों के लाभ हेतु असंख्य विस्तार गतिविधियां सम्पन्न की गयीं।
- किसानों की उपलब्धता हेतु 82,000 क्विं से ज्यादा बीज और 10.2 मिलियन/पौद/पौध/ पशुधन प्रजातियों का उत्पादन विभिन्न जैव उत्पादों के अलावा किया गया।
- राष्ट्रीय कृषक महिला अनुसंधान केन्द्र में कृषि लिंग संबंधी मुद्दों की पहचान की गयी।
- भा.कृ.अनु.प. संस्थानों और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों में 44 कृषि प्रौद्योगिकी सूचना केन्द्रों का कार्य जारी रहा।
- जिला स्तर पर वैज्ञानिकों और विकास अधिकारियों को शामिल करके 334 अन्तरामुख बैठकें आयोजित की गयीं।
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