रासायनिक कीट नियंत्रण के विकल्प के रूप में, एक भौतिक नियंत्रण उपकरण डिजाइन किया गया है, जो विकसित जाल तथा ऊर्जा से संचालित है साथ ही दिन-रात एक समान स्वचालित रूप से कार्य करता है। इस प्रणाली में एक सौर पैनल, बैटरी बॉक्स, स्टिकी ट्रैप (नीला तथा पीला), प्रकाश स्रोत, कीटों को फंसाने के लिए पानी के बेसिन, एक ऊंचाई-समायोज्य समर्थन संरचना (2 फीट - 8 फीट), तथा संचालन मोड के बीच स्वचालित स्विचिंग के लिए एक प्रकाश संवेदक सर्किट शामिल है। जाल में रंगीन चिपचिपी चादरें, प्रकाश स्रोत तथा आकर्षण के लिए फेरोमोन के साथ-साथ जाल तंत्र के लिए पानी के कटोरे और चिपचिपी चादर को शामिल किया जाता है।
जाल में वांछित तृतीय-पक्ष के छोटे जालों को स्थापित करने के लिए भुजाएं भी हैं। एक बार चार्ज होने के बाद, सौर कीट जाल रात में 8-12 घंटे तक काम कर सकता है, जो अधिकांश रात्रिचर कीटों की अधिकतम गतिविधिक अवधि को कवर करता है। इसके अलावा, स्वचालित स्विच ऑन तथा ऑफ होने के कारण, यह बिना किसी संचालन कर्मी की आवश्यकता के स्वतंत्र रूप से काम करता है।

यह जाल हल्के किन्तु टिकाऊ पदार्थों से बना है, जिससे इसे एक ही व्यक्ति द्वारा आसानी से परिवहन, संयोजन और खेत में स्थापित किया जा सकता है। इसके मॉड्यूलर घटक विशेष उपकरणों या विशेषज्ञता के बिना त्वरित स्थापना की सुविधा प्रदान करते हैं। स्टैंड इसे मिट्टी में स्थिर करने और घर के अंदर ठोस सतह पर खड़े होने में सक्षम बनाता है। यह जाल घर के अंदर और बाहर दोनों जगह उपयोग के लिए उपयुक्त है तथा फसलों एवं भंडारित खाद्यान्नों को प्रभावित करने वाले विभिन्न प्रकार के कीटों को प्रभावी ढंग से फंसा सकता है।
यह जाल धान, बैंगन, पत्ता गोभी, मिर्च, सरसों, अमरूद, गेहूँ, प्याज और हरी मटर जैसी विभिन्न फसलों के कीट प्रबंधन हेतु प्रभावी माना गया है। फसलों के अलावा, यह जाल भंडारित खाद्यान्नों एवं वस्तुओं पर आक्रमण करने वाले कीटों के प्रबंधन में भी प्रभावी है।
विकसित तकनीक की नवीनता विभिन्न आकर्षण तथा फंसाने की विधियों के सुसंगत एकीकरण में निहित है, जो इसे विभिन्न परिस्थितियों में उगाई या संग्रहीत फसलों एवं उनके कीटों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए उपयुक्त बनाता है।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय कटाई उपरांत अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, लुधियाना)
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