भाकृअनुप-सीएफआरआई ने ऋषिया जलाशय में आदिवासी मत्स्य पालकों के साथ बातचीत के साथ नए लैंडिंग सेंटर का किया गया उद्घाटन

भाकृअनुप-सीएफआरआई ने ऋषिया जलाशय में आदिवासी मत्स्य पालकों के साथ बातचीत के साथ नए लैंडिंग सेंटर का किया गया उद्घाटन

30 नवंबर, 2025, ओडिशा

आज भाकृअनुप-वर्ल्ड फीश कोलैबोरेटिव प्रोग्राम (विंडो-3) के तहत ओडिशा के ऋषिया जलाशय के आदिवासी मत्स्य पालक समुदायों के साथ मत्स्य पालन गतिविधियों की समीक्षा करने तथा स्थानीय आजीविका चुनौतियों का समाधान करने हेतु एक बातचीत बैठक का आयोजन किया गया।

डॉ. बी.के. दास, निदेशक, भाकृअनुप–केन्द्रीय अन्तर्देशीय मत्स्य पालन संस्थान, ने मत्स्य पालन, वन एवं सिंचाई विभागों के अधिकारियों के साथ इस अवसर की शोभा बढ़ाई।

ICAR-CIFRI Interacts with Tribal Fishers at Rishia Reservoir, Inaugurates New Landing Centre

विजिटिंग टीम ने स्थायी मत्स्य पालन प्रबंधन, जलीय संसाधनों के संरक्षण एवं फसल कटाई के बाद बेहतर हैंडलिंग प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए व्यावहारिक उपायों पर विस्तार से चर्चा की। मछली पकड़ने वाले समुदायों के लिए बेहतर रिटर्न सुनिश्चित करने के लिए बाजार संबंधों को बढ़ाने पर भी जोर दिया गया।

इस कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण आकर्षण एक नए मछली लैंडिंग सेंटर और एक सामुदायिक शौचालय का उद्घाटन था, जिसका उद्देश्य स्वच्छता में सुधार करना, बुनियादी ढांचे को मजबूत करना और फसल कटाई के बाद सुरक्षित और अधिक कुशल संचालन का समर्थन करना था। मछुआरों को उनके दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों में और सहायता करने के लिए, मछली फ़ीड, गिल नेट और लाइफ जैकेट जैसे आवश्यक इनपुट वितरित किए गए, जिससे मछली पकड़ने के संचालन के दौरान उत्पादकता और सुरक्षा दोनों मजबूत हुई।

ICAR-CIFRI Interacts with Tribal Fishers at Rishia Reservoir, Inaugurates New Landing Centre

कार्यक्रम का समापन भाकृअनुप-सीएफआरआई, राज्य विभागों और आदिवासी मछली पकड़ने वाले समुदायों के बीच ऋषिया जलाशय क्षेत्र में स्थायी मत्स्य पालन विकास तथा बेहतर आजीविका की दिशा में मिलकर काम करने की साझा प्रतिबद्धता के साथ हुआ।

लगभग 147 आदिवासी हितधारकों ने कार्यक्रम में भाग लिया तथा मछली पकड़ने की प्रथाओं, संसाधन उपलब्धता, बाजार पहुंच एवं आय स्थिरता से संबंधित चिंताओं को साझा किया।

(स्रोत: भाकृअनुप–केन्द्रीय अन्तर्देशीय मत्स्य पालन संस्थान, कोलकाता)

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