1 नवंबर, 2025, झांसी
भाकृअनुप–भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान, झांसी ने आज अपना 64वां स्थापना दिवस बड़े जोश के साथ मनाया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. देवेंद्र कुमार यादव उप-महानिदेशक (फसल विज्ञान), भाकृअनुप, ने की, जो इस मौके पर चीफ गेस्ट के तौर पर मौजूद थे।
अपने संबोधन में, डॉ. यादव ने स्थापना दिवस पर शुभकामनाएं दीं और चारा साइंस, खासकर फसल सुधार, उत्पादन के तरीकों और ग्रासलैंड मैनेजमेंट में भाकृअनुप-आईजीएफआरआई की कई तरह की उपलब्धियों की तारीफ की, जिससे चारे की डिमांड और सप्लाई के बीच के अंतर को कम करने में मदद मिली। उन्होंने वैज्ञानिकों से यह भी कहा कि वे भविष्य की रिसर्च को जलवा.यु-अनुकूल तकनीकी तथा किसान-केन्द्रित डिसीजन-सपोर्ट सिस्टम विकसित करने पर फोकस करें ताकि टिकाऊ पशुधन उत्पादन को मजबूत किया जा सके।

डॉ. के. रमेश (आईएफएस), मुख्य वन संरक्षक, वन विभाग, गुजरात, सम्मानित अतिथि के तौर पर शामिल हुए, जबकि डॉ. पंकज कौशल, निदेशक, भाकृअनुप-आईजीएफआरआई, ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
डॉ. के. रमेश ने ‘यूनिक ग्रासलैंड मैनेजमेंट’ पर डॉ. पी. एम. दबदघाओ मेमोरियल लेक्चर दिया, जिसमें उन्होंने प्राकृतिक संसाधन की गुणवत्ता, जैव विविधता तथा पारिस्थितिकी तंत्र में संतुलन को बढ़ाने में टिकाऊ चारागाह प्रबंधन के महत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने अपने सफल क्षेत्र के अनुभव साझा किया और पर्यावरणीय लचीलापन को बेहतर बनाने में चारागाह की अहम भूमिका पर ज़ोर दिया।
अपने वेलकम स्पीच में, डॉ. पंकज कौशल ने पिछले साल इंस्टीट्यूट की उपलब्धि तथा विकास का अवलोकन प्रस्तुत किया जिसमें चारे की फसल की किस्मों के विकास, उत्पादन तकनीकी, मशीनीकरण, चारागाह के विकास तथा बीज उत्पादन में हुई तरक्की पर रोशनी डाली।
आयोजन की शुरुआत पेड़ लगाने के ड्राइव से हुई, जो भाकृअनुप-आईजीएफआरआई के पर्यावरणीय प्रबंधन के समर्पण को दिखाता है। इसके बाद तकनीकी प्रदर्शन पार्क में एक वैज्ञानिक प्रदर्शनी-सह-किसान मेला लगा, जिसमें संस्थान के टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन और रिसर्च अचीवमेंट्स को दिखाया गया।

इस मौके पर, जाने-माने लोगों ने कई पब्लिकेशन जारी किए और प्रोग्रेसिव किसान और एंटरप्रेन्योर, बेस्ट डिवीज़न, बेस्ट टीम, टेक्नोलॉजी डेवलपर, और बेस्ट साइंटिस्ट–टेक्निकल–एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ़ जैसी अलग-अलग कैटेगरी के अवॉर्ड जीतने वालों को सम्मानित किया।
64वें स्थापना दिवस के जश्न ने भारत के पशुधन सेक्टर के सपोर्ट में रिसर्च में बेहतरीन काम, इनोवेशन और टिकाऊ चारा स्रोत के विकास के लिए भाकृअनुप-आईजीएफआरआई के पक्के वादे को फिर से सुदृढ़ करने प्रयास किया गया।
(सोर्स: भाकृअनुप–भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान, झांसी)







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