4 सितंबर, 2025, नई दिल्ली
भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा घोषित राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) 2025 में उत्कृष्ट प्रदर्शन करके एक बार फिर देश का नाम रोशन किया है।
नवीनतम रैंकिंग में, संस्थान ने कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र श्रेणी में प्रथम स्थान प्राप्त किया है, जिससे कृषि शिक्षा, अनुसंधान एवं नवाचार में देश के अग्रणी संस्थान के रूप में इसकी स्थिति और पुष्ट हुई है। हाल ही में शुरू की गई सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) श्रेणी में उल्लेखनीय शुरुआत करते हुए, संस्थान आईआईटी मद्रास के ठीक पीछे प्रभावशाली दूसरे स्थान पर रहा, जो स्थिरता, समावेशिता तथा राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के प्रति इसकी दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
भाकृअनुप-आईएआरआई ने अन्य श्रेणियों में भी उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की है, समग्र श्रेणी में 24वें और अनुसंधान संस्थानों में 29वें स्थान पर रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में आठ स्थानों का सुधार दर्शाता है। ये उपलब्धियां शिक्षण, शिक्षण संसाधन, अनुसंधान तथा व्यावसायिक अभ्यास, स्नातक परिणाम, आउटरीच एवं समावेशिता जैसे मानदंडों पर भाकृअनुप-आईएआरआई की बढ़ती राष्ट्रीय प्रासंगिकता तथा वैश्विक मान्यता को रेखांकित करती हैं।

आज पुरस्कार समारोह में, केन्द्रीय शिक्षा मंत्री, श्री धर्मेंद्र प्रधान ने एनआईआरएफ रैंकिंग प्रमाणपत्र प्रदान किया।
डॉ. श्रीनिवास राव, निदेशक एवं कुलपति, भाकृअनुप-आईएआरआई तथा डॉ. अनुपमा सिंह, डीन, ने संस्थान की ओर से ये पुरस्कार ग्रहण किया।
अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए, डॉ. राव ने कहा, "यह मान्यता भाकृअनुप-आईएआरआई की वैज्ञानिक उत्कृष्टता, नवाचार एवं टीम वर्क का प्रमाण है। यह राष्ट्रीय खाद्य एवं पोषण सुरक्षा, सतत कृषि और कृषि विज्ञान में भारत के वैश्विक नेतृत्व में योगदान देने के संस्थान के दृष्टिकोण को दर्शाता है।" उन्होंने आगे कहा कि एनआईआरएफ रैंकिंग में निरंतर वृद्धि संकाय, कर्मचारियों तथा छात्रों के अथक समर्पण का परिणाम है। यह हमें किसानों और राष्ट्र की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए अपने शिक्षण, अनुसंधान एवं विस्तार प्रणालियों को और मजबूत करने के लिए प्रेरित करता है।"
यह उपलब्धि न केवल देश के अग्रणी कृषि संस्थान के रूप में भाकृअनुप-आईएआरआई की स्थिति को सुदृढ़ करती है, बल्कि कृषि के भविष्य को आकार देने, किसानों को सशक्त बनाने तथा विकसित भारत के विजन में योगदान देने के लिए इसकी सतत प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करती है।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली)







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