भाकृअनुप-आईआईएमआर के जीसीओईएम प्रोजेक्ट के तहत केवीके-II, सीतापुर में श्रीअन्न प्रोसेसिंग यूनिट का उद्घाटन

भाकृअनुप-आईआईएमआर के जीसीओईएम प्रोजेक्ट के तहत केवीके-II, सीतापुर में श्रीअन्न प्रोसेसिंग यूनिट का उद्घाटन

श्रीअन्न वैल्यू चेन, पोषण सुरक्षा और ग्रामीण उद्यमिता को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम

11 नवंबर 2025, सीतापुर

भाकृअनुप–भारतीय श्रीअन्न अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद के सहयोग से ग्लोबल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑन मिलेट्स (जीसीओईएम) प्रोजेक्ट के तहत केवीके-II, सीतापुर में एक बाजरा प्रोसेसिंग यूनिट का उद्घाटन किया गया। इस नई सुविधा का मकसद जिले में बाजरा प्रोसेसिंग, मूल्य संवर्धन तथा ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देना है। यह पहल डॉ. सी. तारा सत्यवती, निदेशक, भाकृअनुप-आईआईएमआर और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन और सहयोग से संभव हुई।

Millets Processing Unit Inaugurated at KVK-II, Sitapur under ICAR–IIMR’s GCoEM Project

डॉ. शांतनु कुमार दुबे, निदेशक, भाकृअनुप–कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोन III, कानपुर, मुख्य अतिथि के रूप में इस अवसर पर मौजूद रहे तथा पोषण एवं आजीविका सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बाजरा आधारित उद्यमों के महत्व पर प्रकाश डाला।

जाने-माने विशेषज्ञों ने फसल कटाई के बाद की टेक्नोलॉजी, बाजरा वैल्यू चेन डेवलपमेंट और जलवायु-अनुकूल खेती के तरीकों पर सभा को संबोधित किया।

जिला अधिकारियों ने छोटे किसानों, ग्रामीण युवाओं और स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को सशक्त बनाने की क्षमता के लिए इस पहल की सराहना की।

Millets Processing Unit Inaugurated at KVK-II, Sitapur under ICAR–IIMR’s GCoEM Project

सीनियर साइंटिस्ट और हेड ने भाकृअनुप-आईआईएमआर का आभार व्यक्त किया और कहा कि यह सुविधा स्किल डेवलपमेंट, प्रदर्शन एवं एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने के लिए एक हब के रूप में काम करेगी। केवीके के वैज्ञानिकों ने बाजरा के अलग-अलग उपयोगों पर प्रकाश डाला, जिसमें पशु पोषण, किसानों की ट्रेनिंग एवं विस्तार, रेसिपी तथा प्रोडक्ट डेवलपमेंट, मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार, खेती के बेहतर तरीके और बागवानी प्रणालियों के साथ एकीकरण में उनकी भूमिका शामिल है।

नई स्थापित श्रीअन्न प्रोसेसिंग यूनिट से सीतापुर में श्रीअन्न वैल्यू चेन को काफी मजबूत होने की उम्मीद है, जिससे फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम किया जा सकेगा, श्रीअन्न-आधारित वैल्यू एडिशन को बढ़ावा मिलेगा साथ ही स्थायी आजीविका को बढ़ावा मिलेगा, जिससे राष्ट्रीय बाजरा विकास मिशन में योगदान मिलेगा।

(स्रोत: भाकृअनुप–भारतीय श्रीअन्न अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद)

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