अरुणाचल विश्वविद्यालय अध्ययन केन्द्र के स्नातक कृषि छात्रों को जलवायु-अनुकूल प्रौद्योगिकियों से अवगत कराया गया

अरुणाचल विश्वविद्यालय अध्ययन केन्द्र के स्नातक कृषि छात्रों को जलवायु-अनुकूल प्रौद्योगिकियों से अवगत कराया गया

21 अगस्त, 2025, नामसाई

अरुणाचल विश्वविद्यालय अध्ययन केन्द्र, नामसाई के कृषि संकाय के 25 चतुर्थ वर्ष के स्नातक छात्रों तथा संकाय सदस्यों के एक समूह ने मोमोंग स्थित भाकृअनुप-कृषि विज्ञान केन्द्र, नामसाई का दौरा किया और वहां के फार्म में प्रदर्शित जलवायु-अनुकूल कृषि प्रौद्योगिकियों का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।

कार्यक्रम के दौरान, छात्रों को कृषि के विभिन्न क्षेत्रों पर जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभाव तथा जलवायु-अनुकूल कृषि प्रौद्योगिकियों को मजबूत करने के लिए भाकृअनुप की पहलों के बारे में जानकारी दी गई। किसानों को जलवायु-अनुकूल प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण में कृषि विज्ञान केन्द्रों की भूमिका पर भी प्रकाश डाला गया।

Undergraduate Agriculture Students of Arunachal University of Studies Exposed to Climate-Resilient Technologies

छात्रों ने फसलों तथा पशुधन में जलवायु-अनुकूल प्रौद्योगिकियों पर जिला-स्तरीय परीक्षणों के बारे में जानकारी प्राप्त की। प्रमुख हस्तक्षेपों में जलमग्नता-सहिष्णु चावल किस्म रंजीत सब-1, अल्पावधि चावल किस्म दिसांग, सूखा-सहिष्णु तोरिया किस्म टीएस-38, और फसलों, पशुधन, मत्स्य पालन और बत्तख पालन को मिलाकर एकीकृत कृषि प्रणालियाँ शामिल थी। मशरूम की खेती, वर्मीकंपोस्टिंग और मधुमक्खी पालन जैसे प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन प्रथाओं पर भी सतत आय सृजन के साधनों के रूप में चर्चा की गई।

छात्रों को ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने हेतु फसलों में कुशल नाइट्रोजन प्रबंधन हेतु पत्ती रंग चार्ट के उपयोग से भी परिचित कराया गया। उन्हें मशरूम स्पॉन उत्पादन, गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री उत्पादन, खाद्य प्रसंस्करण तथा मधुमक्खी पालन सहित विभिन्न कौशल विकास एवं उद्यमशीलता के अवसरों के बारे में जानकारी दी गई।

कार्यक्रम में "पार्थेनियम जागरूकता सप्ताह" (16-22 अगस्त) के तहत पार्थेनियम खरपतवार के प्रबंधन पर भी चर्चा की गई। "एक पेड़ माँ के नाम" अभियान के तहत, छात्रों ने केवीके के हरित परिसर में पौधे रोपे, जिससे पर्यावरण जागरूकता तथा जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता को बल मिला।

यात्रा का समापन एक संवादात्मक सत्र एवं प्रदर्शन फार्म के निर्देशित दौरे के साथ हुआ, जहां केवीके में वैज्ञानिक प्रथाओं और उन्नत नस्लों/किस्मों पर छात्रों के प्रश्नों का समाधान किया गया।

(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि विज्ञान केन्द्र, नामसाई)

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