23 अप्रैल, 2025, गुवाहाटी
भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोन VI के अंतर्गत कृषि विज्ञान केन्द्रों (केवीके) के लिए वार्षिक कार्य योजना कार्यशाला 2025- 26 का 22 और 23 अप्रैल, 2025 को गुवाहाटी में सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। कार्यशाला ने वर्ष 2025- 26 के लिए असम, अरुणाचल प्रदेश तथा सिक्किम के 47 केवीके की कार्य योजनाओं को अंतिम रूप देने के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया।
भाकृअनुप-अटारी, जोन-VI के निदेशक, डॉ. जी. कादिरवेल ने ओएफटी को राष्ट्रीय और राज्य प्राथमिकताओं के साथ संरेखित करने की आवश्यकता पर बल दिया, विशेष रूप से उपज बढ़ाने और जलवायु तनाव के लिए उपयुक्त प्रौद्योगिकियों को अपनाने पर ध्यान केन्द्रित किया।
कार्यशाला में प्रमुख परिचालन क्षेत्रों जैसे ऑन-फार्म टेस्टिंग (ओएफटी), कृषि विषयों में फ्रंटलाइन प्रदर्शन (एफएलडी), राजस्व सृजन के लिए रणनीति, संबंधित विभागों के साथ अभिसरण और संसाधन जुटाने पर ध्यान केन्द्रित किया गया। लक्षित कार्य योजनाओं के निर्माण का उद्देश्य उत्पादकता और किसानों की आय में सुधार के लिए विस्तार रणनीतियों को परिष्कृत करना और जलवायु-लचीला तथा क्षेत्र-विशिष्ट प्रौद्योगिकियों को एकीकृत करना था।
कार्यशाला में डॉ. एम. नियोग, निदेशक, विस्तार शिक्षा, एएयू, जोरहाट; डॉ. आर. बोरदोलोई, निदेशक, ईईआई (पूर्वोत्तर क्षेत्र, खानापाड़ा); डॉ. ए.के. त्रिपाठी, पूर्व निदेशक, भाकृअनुप अटारी, जोन-VI; तथा अन्य वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं केवीके प्रमुख; तथा भाकृअनुप -अटारी, जोन-VI के कर्मचारी जैसे प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने भाग लिया।
कार्यशाला का समापन प्रत्येक केवीके की प्रस्तावित गतिविधियों की व्यापक समीक्षा के साथ हुआ, जिसमें राष्ट्रीय प्राथमिकता और राज्य नीति के लक्ष्यों के साथ रणनीतिक संरेखण सुनिश्चित करना, टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देना और जमीनी स्तर के ज्ञान केंद्रों के रूप में केवीके की भूमिका को मजबूत करना शामिल था।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोन VI, गुवाहाटी)
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