‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने की एक बड़ी पहल है – श्री चौहान
समन्वित प्रयासों के साथ एकीकृत दिशा में काम करने से कृषि में बदलाव लाया जा सकता है - श्री चौहान
‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ एक अभिनव पहल है जिसका उद्देश्य विकसित कृषि के माध्यम से विकसित भारत का निर्माण करना है – श्री चौहान
केन्द्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यों से ‘एक राष्ट्र, एक टीम, एक कृषि’ की भावना के साथ काम करने का आग्रह किया।
19 मई 2025, नई दिल्ली
केन्द्रीय कृषि, किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज नई दिल्ली स्थित कृषि भवन से विभिन्न राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ वर्चुअल माध्यम से आगामी 29 मई से 12 जून 2025 तक पूरे देश में आयोजित होने वाले ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की तैयारियों पर चर्चा की। श्री चौहान ने राज्यों से अभियान में सक्रिय भागीदारी करने तथा अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचने के लक्ष्य के साथ काम करने का आग्रह किया, ताकि उन्हें कृषि नवाचारों और तकनीकी हस्तक्षेपों का लाभ सुनिश्चित हो सके।

श्री चौहान ने इस अभियान को कृषि उत्पादकता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ भारतीय कृषि को बदलने की एक बड़ी पहल है। उन्होंने कहा, “यह हमारी भूमि, हमारी मिट्टी और हमारे किसान हैं।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इसका लक्ष्य कृषि को लाभदायक बनाना, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना और सभी नागरिकों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराते हुए खाद्यान्न, दालें, फल और सब्जियों के उत्पादन को बढ़ावा देना है। उन्होंने दोहराया कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, जो लगभग आधी आबादी की आजीविका का समर्थन करती है, और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करते हुए उनके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए निरंतर प्रयास करने का आह्वान किया। मंत्री ने इस वर्ष चावल, मक्का, दालें और तिलहन सहित रिकॉर्ड कृषि उत्पादन पर संतोष व्यक्त किया और इस उपलब्धि में योगदान के लिए सभी राज्यों और उनके कृषि मंत्रियों को बधाई दी।
श्री चौहान ने इस बात पर जोर दिया कि यह तो बस शुरुआत है और अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य दोनों स्तरों पर संस्थानों, विभागों, विश्वविद्यालयों तथा संसाधनों के बीच बेहतर समन्वय से भारतीय कृषि और भी अधिक सफलता प्राप्त कर सकती है। उन्होंने कहा, "समन्वयित एवं एकीकृत तरीके से काम करने से खेती में चमत्कार हो सकता है।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 'लैब टू लैंड' विजन के साथ जुड़ी एक अभिनव पहल है, जिसका उद्देश्य अनुसंधान और किसानों की वास्तविक जीवन की जरूरतों के बीच की खाई को पाटना है।
केन्द्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि यह अभियान विकसित भारत के लिए विकसित कृषि प्रणाली के निर्माण के लिए समर्पित है और देश के खाद्य भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक ठोस कदम है। उन्होंने इस मिशन को साकार करने में राज्य सरकारों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला और सभी राज्यों से सामूहिक स्वामित्व और समर्पण के माध्यम से इस अभियान को सफल बनाने में हाथ मिलाने का आग्रह किया।

‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के संयुक्त प्रयास से चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत वैज्ञानिकों की 2,170 टीमें किसानों को प्रशिक्षित करने तथा उनसे सीधे संवाद करने के लिए देश भर के गांवों का दौरा करेंगी। इस अभियान में दो-तरफ़ा संचार दृष्टिकोण अपनाया जाएगा, एक तरफ़ वैज्ञानिक किसानों के साथ अनुसंधान और तकनीकी जानकारी साझा करेंगे, वहीं दूसरी तरफ़ वे किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में जानकारी जुटाएँगे। ये निष्कर्ष भविष्य के अनुसंधान प्रयासों को दिशा देने तथा व्यावहारिक, स्थान-विशिष्ट समाधान प्रदान करने में मदद करेंगे।
अपने समापन संबोधन में श्री चौहान ने सभी राज्यों से “एक राष्ट्र, एक कृषि, एक टीम” की भावना के साथ आगे बढ़ने और आगामी खरीफ बुवाई सीजन से पहले कृषि उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से इस अभिनव अभियान के लिए खुद को पूरी तरह से समर्पित करने की अपील की।
बैठक में कृषि मंत्रालय के सचिव, श्री देवेश चतुर्वेदी, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप), डॉ. एम.एल. जाट तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि ज्ञान प्रबंधन निदेशालय, नई दिल्ली)
फेसबुक पर लाइक करें
यूट्यूब पर सदस्यता लें
X पर फॉलो करना X
इंस्टाग्राम पर लाइक करें