7 जनवरी, 2025, इज्जतनगर
भाकृअनुप-भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर ने आज 26 राज्यों और 5 केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ अखिल भारतीय राज्य पशुपालन निदेशक इंटरफेस मीट- 2025 की पहली अनुवर्ती बैठक आयोजित की।
मुख्य अतिथि मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री, प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने वन हेल्थ गतिविधियों में भाकृअनुप-आईवीआरआई के नेतृत्व पर प्रकाश डाला और एकीकृत खेती तथा विविध राजस्व धाराओं के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने विशेष रूप से देशी नस्लों को समर्थन देने के लिए सेक्स-सॉर्टेड सीमेन तकनीक को व्यापक रूप से अपनाने के बारे में बात की तथा पशुधन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए भ्रूण स्थानांतरण तकनीक (ईटीटी) के उपयोग को प्रोत्साहित किया। घटती हुई भूमि जोतों के कारण बैलों पर निर्भरता कम होने के साथ, उन्होंने सेक्स-सॉर्टेड सीमेन के व्यावहारिक लाभों और जमीनी स्तर पर कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से इसके प्रचार पर जोर दिया। प्रो. बघेल ने निदेशकों से किसानों के लिए सरकारी योजनाओं को पूरी तरह से लागू करने और देश के पशु संसाधनों को बढ़ाने का भी आग्रह किया, राष्ट्र निर्माण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए पशु चिकित्सकों की सराहना की।
इस अवसर पर भाकृअनुप-आईवीआरआई के निदेशक, डॉ. त्रिवेणी दत्त भी उपस्थित रहे।
विभिन्न राज्य पशुपालन विभागों के निदेशकों ने पशुपालन प्रथाओं, रोग निदान और पशु चिकित्सा क्षमता निर्माण से संबंधित चुनौतियों पर चर्चा की। उन्होंने कई शोध क्षेत्रों का प्रस्ताव रखा, जिसमें किसानों के लिए रोग-चेतावनी प्रणाली का विकास और एलएसडी, एएसएफ, एफएमएस, आरडी और गम्बोरो जैसी उभरती बीमारियों के लिए निदान शामिल है, ताकि क्षेत्र स्तर पर प्रारंभिक पहचान संभव हो सके। रुचि के अन्य क्षेत्रों में वैकल्पिक चारा संसाधन, बेहतर चारा खेती और पशुओं में गर्मी-तनाव प्रबंधन शामिल थे। उन्होंने किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए पशु चारे में कीटनाशकों और शाकनाशियों के लिए क्षेत्र-आधारित त्वरित पहचान किट की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। बैठक में अनुसंधान और प्रशिक्षण आवश्यकताओं पर गहन चर्चा की गई।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर)
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