प्याज में संकर प्रजनन पर विचार-विमर्श सत्र का आयोजन

प्याज में संकर प्रजनन पर विचार-विमर्श सत्र का आयोजन

16 अप्रैल, 2025, नई दिल्ली

भाकृअनुप-प्याज एवं लहसुन अनुसंधान निदेशालय (भाकृअनुप-डीओजीआर), पुणे और भाकृअनुप, नई दिल्ली के बागवानी विज्ञान प्रभाग द्वारा एनएचआरडीएफ के सहयोग से एनएएससी कॉम्प्लेक्स, नई दिल्ली में संयुक्त रूप से “प्याज में संकर प्रजनन: नवाचार, चुनौतियां और भविष्य की संभावनाएं” पर एक राष्ट्रीय विचार-मंथन सत्र आयोजित किया गया।

इस सत्र का उद्देश्य भारत के संकर प्याज प्रजनन कार्यक्रम को मजबूत करना और प्याज और लहसुन पर अखिल भारतीय नेटवर्क अनुसंधान परियोजना (एआईएनआरपीओजी) के तहत संकर मूल्यांकन को सुव्यवस्थित करना था। इसमें भाकृअनुप संस्थानों, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों और निजी क्षेत्र के 22 विशेषज्ञ शामिल हुए।

डॉ. सुधाकर पांडे, सहायक महानिदेशक (एफवीएस एवं एमपी), भाकृअनुप ने मुख्य अतिथि के रूप में सत्र की अध्यक्षता की।

डॉ. वी. महाजन, निदेशक, भाकृअनुप-डीओजीआर तथा डॉ. ए.एस. धत्त, निदेशक (अनुसंधान), पीएयू ने अन्य वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों के साथ इस कार्यक्रम की सह-अध्यक्षता की।

अपने स्वागत संबोधन में डॉ. महाजन ने भारत में प्याज की संकर किस्मों की वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डाला।

डॉ. पांडे ने खुले परागण वाली किस्मों से बेहतर स्थिर, उच्च प्रदर्शन वाली संकर किस्मों को विकसित करने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।

डॉ. धत्त ने डबल हैप्लोइड का उपयोग करके वास्तविक इनब्रेड विकसित करने तथा भारतीय कृषि-जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल संकर विकास में आणविक मार्करों के एकीकरण के महत्व पर प्रकाश डाला। तकनीकी सत्र में भाकृअनुप-डीओजीआर, भाकृअनुप-आईएआरआई, भाकृअनुप-आईआईएचआर, भाकृअनुप-वीपीकेएएस, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय तथा भाकृअनुप-सीआईटीएच के वैज्ञानिकों ने प्रस्तुतियां दीं।

डॉ. पी.सी. त्रिपाठी द्वारा संचालित पैनल चर्चा में संकर प्रजनन को आगे बढ़ाने और उच्च उपज देने वाली किस्मों के उत्पादन पर गहन विचार-विमर्श किया गया। प्रमुख सिफारिशों में भाकृअनुप-डीओजीआर, आईएआरआई, आईआईएचआर, वीपीकेएएस और पीएयू को शामिल करते हुए सहयोगी संकर विकास और कॉर्पस फंड और एनएएसएफ को एक मेगा प्रोजेक्ट प्रस्ताव प्रस्तुत करना शामिल था।

(स्रोत: भाकृअनुप-प्याज एवं लहसुन अनुसंधान निदेशालय, पुणे)

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