महाराष्ट्र और गोवा के केवीके पर हुआ राज्य स्तरीय वार्षिक कार्य योजना कार्यशाला का आयोजन

महाराष्ट्र और गोवा के केवीके पर हुआ राज्य स्तरीय वार्षिक कार्य योजना कार्यशाला का आयोजन

15-16 मार्च, 2019, बारामती

कृषि विज्ञान केंद्र, बारामती ने अपने परिसर में 15 से 16 मार्च, 2019 तक “महाराष्ट्र और गोवा के केवीके की राज्य स्तरीय वार्षिक कार्य योजना कार्यशाला” का दो दिवसीय आयोजन किया।

श्री राजेंद्र पवार, अध्यक्ष, कृषि विकास न्यास, बारामती ने अपने उद्घाटन भाषण में समस्याओं से निपटने के लिए किसानों द्वारा अपनाए गए नए विचारों पर प्रकाश डाला। श्री पवार ने प्रतिभागियों से किसानों की सतत आजीविका के लिए जल के प्रभावी उपयोग और संसाधन संरक्षण पर गतिविधियों को विकसित करने का आग्रह किया। उन्होंने कृषि समुदाय की बेहतरी के लिए कृषि में सामाजिक और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के उपयोग के लिए केवीके के साथ आने पर भी जोर दिया।

डॉ. के. डी. कोकाटे, पूर्व उप महानिदेशक, (कृषि विस्तार), भाकृअनुप और निदेशक (विस्तार शिक्षा), एमपीकेवी, राहुरी ने केवीके मॉडल की सराहना की। उन्होंने फ्रंटलाइन एक्सटेंशन (विस्तार) में किए जा रहे जमीनी काम के आधार पर गुणवत्ता प्रकाशनों को लाने का आग्रह किया। उन्होंने निश्चित क्षेत्र में न्यूट्री-संवेदनशील हस्तक्षेपों की योजना के लिए विचार किया।

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डॉ. पी. जी. इंगोले, निदेशक (विस्तार शिक्षा), वीएनएमकेवी, परभणी और डॉ. डी. एम. मानकर, पीडीकेवीके, अकोला ने कमोडिटी आधारित संगठनों का भी सुझाव दिया, जो अभिनव किसानों को संसाधन व्यक्तियों के रूप में उपयोग करते हैं और विभिन्न तरीकों से किसानों तक पहुँच कर सुधारों को प्रभावित करते हैं।

डॉ. लाखन सिंह, निदेशक, अटारी, पुणे ने मौजूदा कृषि-पारिस्थितिकी तंत्र, प्रौद्योगिकी अंतर, कृषि संबंधी समस्याओं एवं किसानों की विभिन्न श्रेणियों के आधार पर वार्षिक योजना विकसित करने का निर्णय लिया। उन्होंने अपने हस्तक्षेपों में केवीके द्वारा भाकृअनुप-संस्थानों और एसएयू (SAUs) की सर्वश्रेष्ठ प्रौद्योगिकियों को शामिल करने का आग्रह किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि केवीके की प्रमुख ताकत परिभाषित क्षेत्र में कई किसानों की प्रमुख समस्याओं को हल करने के लिए खेत पर परीक्षण करने में निहित है।

श्री एस. के. जोशी, व्यवसाय प्रबंधक, भाकृअनुप-कृषि ज्ञान प्रबंधन निदेशालय, नई दिल्ली ने किसानों और अन्य हितधारकों के बीच प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को तेज करने के लिए सभी केवीके विशेषज्ञों द्वारा ई-संसाधनों और सोशल मीडिया के उपयोग के बारे में चर्चा की।

5 केवीके क्रमशः, बारामती, सोलापुर-I, जालना-I, यवतमाल-II और दक्षिण गोवा को उचित कार्य योजना विकसित करने के लिए 'सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुति प्रमाण पत्र' से सम्मानित किया गया।

49 केवीके के प्रमुख (महाराष्ट्र से 47 केवीके और गोवा के 2 केवीके) ने भी इस अवसर पर वर्ष 2019-20 के लिए अपनी वार्षिक कार्य योजना प्रस्तुत की।

इस कार्यक्रम में कुल 75 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, पुणे)

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