29 मई, 2025, अविकानगर
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संचालित विकसित कृषि संकल्प अभियान का शुभारंभ टोंक जिले में आज भाकृअनुप-केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर तथा मालपुरा तहसील की लावा पंचायत से हुआ। यह अभियान 29 मई से 12 जून 2025 तक देशभर में संचालित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य वैज्ञानिकों और किसानों के बीच सीधा संवाद स्थापित करना है। इस अभियान के माध्यम से 700 जिलों में 2000 से अधिक वैज्ञानिक दलों की सहभागिता रहेगी, जो लगभग 1.5 करोड़ किसानों से सीधा संवाद स्थापित करेंगे। इस कार्यक्रम में विशेष रूप से खरीफ फसलों के उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ किसानों को नई कृषि तकनीकों, सरकारी योजनाओं, पशुपालन की तकनीकियों, नवाचारों की जानकारी दी जाएगी तथा किसानों से फीडबैक एकत्र कर उसका डॉक्यूमेंटेशन किया जाएगा।
अभियान की शुरुआत के अवसर पर संस्थान में आयोजित कार्यशाला एवं संगोष्ठी कार्यक्रम में राजस्थान सरकार के केबिनेट मंत्री, पीएचईडी एवं जलदाय विभाग, श्री कन्हैया लाल चौधरी, केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर के निदेशक, डॉ. अरुण कुमार तोमर, अभियान के नोडल अधिकारी, डॉ. एल.आर. गुर्जर, कृषि विज्ञान केन्द्र वनस्थली के प्रमुख, डॉ. बंशीधर जाट, कार्यक्रम सचिव, डॉ. अजय कुमार, टोंक जिले के कृषि अधिकारी एवं जिला परिषद सदस्य श्री छोगालाल गुर्जर उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में श्री चौधरी ने किसानों को सम्बोधित करते हुए मिट्टी परीक्षण कराकर वैज्ञानिक तरीके से उर्वरकों के प्रयोग हेतु प्रोत्साहित किया एवं मिलावटी दूध के विरुद्ध भी आगामी सरकारी अभियान की जानकारी दी।
डॉ. तोमर ने भी कहा कि संस्थान की प्रयोगशाला परियोजनाएं सीधे किसानों के खेतों तक पहुंचे, यह हमारी प्राथमिकता रहेगी। उन्होंने राजस्थान के किसानों से स्थानीय जलवायु के अनुकूल खेती और पशुपालन अपनाने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने सभी किसानों से आह्वान किया कि वे अधिक से अधिक संख्या में शिविरों में भाग लें और वैज्ञानिकों से सीधे संवाद कर अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त करें।
डॉ. गुर्जर ने कार्यक्रम से आग्रह किया कि राजस्थान जैसे राज्य में हर तीन वर्ष में एक बार अकाल जैसी परिस्थितियाँ उत्पन्न होना सामान्य बात है, ऐसे में किसानों को मृदा में नमी संरक्षण की दिशा में विशेष प्रयास करने चाहिए।
संस्थान द्वारा अभियान के दौरान संस्थान से जुड़े विभिन्न गाँवों में संस्थान एवं परिषद् की गतिविधियों के प्रचार-प्रसार हेतु तैयार करवाये गये दो कृषि रथों को हरी झंडी दिखाकर अभियान का शुभारंभ किया। इस अवसर पर लावा एवं मालपुरा में आयोजित कार्यक्रमों में लगभग 900 किसानों एवं वैज्ञानिकों, तकनीकी/कृषि अधिकारियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम के अन्त में संस्थान में चल रही अनुसूचित जाति उपयोजना से जुड़े पांच गांवों के किसानों को 5 बकरे एवं 33 किसानों को किसानोपयोगी जरूरी सामग्री (लोहे के चद्दर, जाली, प्लास्टिक की पानी की टंकी, अनाज रखने की कोठी इत्यादि) का वितरण किया गया।
(स्रोतः भाकृअनुप-केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर)
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