25 अगस्त, 2023, भुवनेश्वर
भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी), कोलकाता के अधिकार क्षेत्र के तहत ओडिशा के केवीके के लिए विस्तार शिक्षा निदेशालय, ओयूएटी भुवनेश्वर द्वारा कृषि परिवर्तन के विस्तार प्रणाली को फिर से स्थापित करने पर एक कार्यशाला आयोजित की गई।
विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रो. पी.के. राउल ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया और आशा व्यक्त की कि इस प्रकार की कार्यशालाएं निश्चित रूप से विस्तार प्रणाली के बदलते प्रतिमान में पीढ़ीगत अंतर को पूरा करेगी।
डॉ. प्रदीप डे, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, कोलकाता ने अमृत काल के लिए विस्तार दृष्टिकोण प्रस्तुत किया और आशा व्यक्त की कि केवीके को किसानों को बेहतर रिटर्न प्रदान करने के लिए कृषि उत्पादन प्रणाली में विपणन योग्य अधिशेष मुद्दों का समाधान करना चाहिए।
डॉ. ए.के. मोहंती, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, शिलांग ने कहा कि विस्तार पेशेवरों को सिस्टम में अपना विश्वास बनाए रखने के लिए किसानों की नई और उभरती समस्याओं को उठाना चाहिए।
प्रोफेसर पी. मिश्रा, डीन एक्सटेंशन एजुकेशन, ओयूएटी ने अतिथि वक्ताओं तथा प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए विस्तार विशेषज्ञों को राष्ट्र के बदलते कृषि परिदृश्य का सामना करने में सक्षम बनाने के लिए ऐसी कार्यशालाओं के आयोजन की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
डॉ. पी. दास, पूर्व उप-महानिदेशक (एई), भाकृअनुप ने दुनिया भर में पिछली शताब्दी के भीतर कृषि विस्तार प्रणाली में होने वाले परिवर्तनों और एक स्थायी खाद्य उत्पादन प्रणाली के लिए उठाए जाने वाले स्मार्ट कदमों की आवश्यकता पर बात की।
डॉ. आर.के. सामंत, पूर्व कुलपति, बीसीकेवी ने कृषि परिदृश्य में बदलाव में एक विस्तार कार्यकर्ता की अपेक्षित भूमिका पर बात की।
इस कार्यशाला में ओडिशा के 31 केवीके के विस्तार वैज्ञानिक और वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख के अलावा विश्वविद्यालय के विस्तार शिक्षा विभागों के विभागाध्यक्षों और संकायाध्यक्षों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-अटारी, कोलकाता)
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