26 दिसंबर, 2025, नदिया
कृषि परिवर्तन एवं युवा सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में आज भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी), कोलकाता, के अधिकार क्षेत्र के तहत नदिया कृषि विज्ञान केन्द्र (बीसीकेवी) में 23 दिवसीय आईराइज़ (IRise—Inculcating Rural India Skill Enhancement) कौशल विकास कार्यक्रम का सफल समापन हुआ। यह कार्यक्रम भाकृअनुप–अटारी, कोलकाता, के अधिकार क्षेत्र में आयोजित किया गया। इस पहल ने युवा-नेतृत्व कृषि विकास में एक नया मानक स्थापित करने के साथ-साथ आकांक्षाओं को उद्यमों में रूपांतरित करते हुए ग्रामीण भारत के भविष्य को सुदृढ़ किया।

अपने संबोधन में डॉ. प्रदीप डे, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, कोलकाता, ने कहा कि आईराइज़ (IRise) एक कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व आधारित परिवर्तनकारी पहल के रूप में ग्रामीण युवाओं को कृषि क्षेत्र में कुशल, आत्मनिर्भर और भविष्य के लिए तैयार बना रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि व्यावहारिक प्रशिक्षण, क्षेत्रीय अनुभव तथा उद्योग-संबंधि इंटर्नशिप से युवाओं की आकांक्षाओं, उनके रोज़गार के प्रति योग्यता एवं उद्यमिता विकास में रूपान्तरित किया जा रहा है, जो विकसित भारत @2047 के लक्ष्य के अनुरूप है। डॉ. डे ने यह भी रेखांकित किया कि नदिया केवीके और सिंजेंटा फाउंडेशन की साझेदारी पश्चिम बंगाल में ग्रामीण सशक्तिकरण और कृषि परिवर्तन का एक प्रभावी एवं अनुकरणीय मॉडल प्रस्तुत करती है।।

श्री केशव बोरकर, प्रोग्राम हेड– आईराइज़ (IRise) ने वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रशिक्षण आधारित दृष्टिकोण के माध्यम से युवाओं को कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनाने पर अपने विचार साझा किया।
श्री सुधीर वडोदेरिया, सलाहकार– प्रशिक्षण, सिंजेंटा फाउंडेशन ने वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ने कहा कि आईराइज़ सहयोग के माध्यम से नदिया केवीके ने व्यावहारिक प्रशिक्षण और उद्यो से जुड़े अनुभव प्रदान कर ग्रामीण युवाओं को आधुनिक कृषि-व्यवसाय के अवसरों के लिए प्रभावी रूप से तैयार किया है।
इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रतिभागियों में सशक्त उद्यमशील क्षमताओं का विकास हुआ, जिससे वे मशरूम उत्पादन, नर्सरी प्रबंधन, पोल्ट्री पालन, वर्मी-कम्पोस्टिंग तथा वैज्ञानिक बागवानी जैसे उद्यमों में आगे बढ़ने के लिए सक्षम हुए। यह प्रभावी सार्वजनिक–निजी साझेदारी पश्चिम बंगाल में कुशल, आत्मनिर्भर एवं आत्मविश्वासी कृषि-उद्यमियों की नई पीढ़ी को पोषित कर रही है।

यह कार्यक्रम कृषि विज्ञान केन्द्र और कॉरपोरेट क्षेत्र के बीच सार्थक अभिसरण का एक उत्कृष्ट उदाहरण बनकर उभरा, जिसने यह दर्शाया कि सहयोगात्मक प्रयास किस प्रकार सतत आजीविका के अवसर सृजित कर सकते हैं, व्यक्तिगत करियर विकास को बढ़ावा दे सकते हैं तथा पश्चिम बंगाल के समग्र कृषि परिदृश्य को सुदृढ़ कर सकते हैं।
इसमें नदिया और आसपास के जिलों से 18 से 35 वर्ष आयु वर्ग के 45 युवा कृषि-उद्यमशील आकांक्षियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम का समन्वय डॉ. मलय कुमार समंता, प्रमुख, नदिया केवीके तथा श्री कृष्णेंदु बाला, सिंगेंटा फाउंडेशन इंडिया, द्वारा किया गया।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता)







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