दक्षिण एशियाई कृषि में जलवायु अनुकूलन के एटलस (एसीएएसए) को अपनाने के लिए राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन

दक्षिण एशियाई कृषि में जलवायु अनुकूलन के एटलस (एसीएएसए) को अपनाने के लिए राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन

21 अगस्त, 2023, हैदराबाद

भाकृअनुप तथा बीआईएसए-सीआईएमएमवाईटी के बीच एक सहयोगी परियोजना, दक्षिण एशियाई कृषि में जलवायु अनुकूलन के एटलस (एसीएएसए) को अपनाने के लिए दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन डॉ. एस.के. चौधरी, उप-महानिदेशक (एनआरएम), भाकृअनुप, भाकृअनुप-केन्द्रीय शुष्क भूमि कृषि अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद द्वारा किया गया।

National Workshop on Atlas of Climate Adaptation in South Asian Agriculture (ACASA) inaugurated

उद्घाटन सत्र में डॉ. चौधरी ने टिप्पणी की कि परियोजना के परिणाम वर्तमान परिदृश्य में बहुत मददगार होंगे, जहां कई भारतीय राज्य जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए एनआईसीआरए (निक्रा) जैसी परियोजनाओं के लिए योजना बना रहे हैं और उन्हें लागू कर रहे हैं।

डॉ. वी.के. सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-सीआरआईडीए ने गणमान्य व्यक्तियों, कमोडिटी विशेषज्ञों और हितधारकों का स्वागत किया तथा कार्यशाला की परियोजना एवं उद्देश्य की संक्षिप्त पृष्ठभूमि दी।

डॉ. अरुण के. जोशी, एमडी, बीआईएसए ने अपनी टिप्पणी में साझेदारी और सहयोग के माध्यम से बदलते माहौल के अनुकूल होने की आवश्यकता पर जोर दिया।

डॉ. पी.के. अग्रवाल, क्षेत्रीय कार्यक्रम नेता, बीआईएसए ने परियोजना की पृष्ठभूमि एवं अवलोकन प्रस्तुत किया तथा डॉ. सी.ए. रामा राव, प्रधान अन्वेषक, एसीएएसए-इंडिया ने परियोजना से तैनात किए जाने वाले तरीकों और अपेक्षित आउटपुट प्रस्तुत किए। कार्यशाला में वित्तीय संस्थानों, निजी क्षेत्र, सरकारी और गैर-सरकारी एजेंसियों का प्रतिनिधित्व करने वाले विभिन्न हितधारकों ने भाग लिया।

श्री सुकांत साहू, डीजीएम, क्लाइमेट चेंज वर्टिकल, नाबार्ड ने टिप्पणी की कि एटलस जोखिम और भेद्यता के विभिन्न समय क्षेत्रों की पहचान करने में सक्षम होगा।

डॉ. बी.के. परिदा, मुख्य कृषि विज्ञानी, कोरोमंडल इंटरनेशनल लिमिटेड ने परियोजना में अपनाए जा रहे ग्रैन्युलैरिटी दृष्टिकोण की सराहना की।

(स्रोत: भाकृअनुप-क्रीडा. हैदराबाद)

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