26 नवम्बर, 2023,हिसार
भाकृअनुप-राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र (एनआरसीई), हिसार ने आज हिसार में अपना 39वां स्थापना दिवस मनाया। यह संस्थान अश्व स्वास्थ्य, उत्पादन तथा पशु चिकित्सा रोगाणुओं के संरक्षण में अग्रणी प्रगति के लिए प्रसिद्ध है।
कृषि वैज्ञानिक भर्ती बोर्ड, नई दिल्ली के सदस्य, डॉ. एस.पी. किमोथी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने भाकृअनुप-एनआरसीई में किए जा रहे उल्लेखनीय कार्यों की सराहना की और अश्वों के प्रदर्शन और स्वास्थ्य को बढ़ाने और हितधारकों को लाभ पहुंचाने के लिए उनके कल्याण संबंधी मुद्दों को पूरा करने के लिए लागत प्रभावी प्रौद्योगिकियों को विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
प्रो. गया प्रसाद, पूर्व कुलपति, एसवीवीपीयूएटी, मेरठ; डॉ. गुलशन नारंग, डीन, सीओवीएससी, लुवास, हिसार; डॉ. कुलदीप के. लाल, निदेशक, सीआईआरबी और कमांडेंट, इक्वाइन ब्रीडिंग स्टड (ईबीएस), हिसार सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
प्रोफेसर प्रसाद ने पशु चिकित्सा प्रकार की संस्कृतियों के भंडार सहित अश्व उत्पादन, प्रजनन तथा स्वास्थ्य के क्षेत्र में की गई उत्कृष्ट अनुसंधान उपलब्धियों की सराहना की।
डॉ. टी.के. भट्टाचार्य, निदेशक, एनआरसीई ने मेहमानों एवं हितधारकों को भाकृअनुप-एनआरसीई द्वारा अग्रणी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के बारे में जानकारी प्रदान की और उद्योग के प्रति इसके समर्पण की पुष्टि की।
दिन के मुख्य आकर्षणों में टेंट-पेगिंग, हैंकी पिकिंग, घोड़े की पीठ पर तीरंदाजी, घोड़ों का मंत्रमुग्ध कर देने वाला नृत्य और रोमांचक शो जंपिंग जैसे घुड़सवार खेल का प्रदर्शन करने वाली आकर्षक घुड़सवारी प्रतियोगिताएं शामिल थीं। कार्यक्रम में मारवाड़ी नस्ल के बेहतरीन घोड़ों का प्रदर्शन किया गया।
स्थापना दिवस कार्यक्रम और ब्रेन स्टॉर्मिंग सत्र में लगभग 400 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र, हिसार)
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