भाकृअनुप-केन्द्रीय मिथुन अनुसंधान केन्द्र ने वैज्ञानिक पालन पद्धतियों को बढ़ावा देने हेतु अरुणाचल प्रदेश में फील्ड विजिट तथा मिथुन मेला का किया आयोजन

भाकृअनुप-केन्द्रीय मिथुन अनुसंधान केन्द्र ने वैज्ञानिक पालन पद्धतियों को बढ़ावा देने हेतु अरुणाचल प्रदेश में फील्ड विजिट तथा मिथुन मेला का किया आयोजन

26 फरवरी, 2025, नागालैंड

भाकृअनुप-राष्ट्रीय मिथुन अनुसंधान केन्द्र, नागालैंड की टीम ने 25 फरवरी, 2025 को डिबिन गांव का दौरा किया। इस दौरे के दौरान, 80 से अधिक मिथुनों का टीकाकरण किया गया, टैग लगाया गया तथा उनकी वृद्धि की निगरानी की गई, साथ ही आगे के विश्लेषण के लिए रक्त के नमूने एकत्र किए गए। यह पहल आनुवंशिक वृद्धि को समझने एवं किसानों की आजीविका को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

 

26 फरवरी, 2025 को टीम ने अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले के नफरा में मिथुन मेले का आयोजन किया, जो ज्ञान के आदान-प्रदान के साथ-साथ सामुदायिक सहभागिता के लिए एक मंच प्रदान करता है।

पश्चिम कामेंग जिले के विधान सभा सदस्य, श्री डोंगरू सियोंगजू मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

किसानों ने वैज्ञानिक मिथुन पालन पद्धतियों पर चर्चा में सक्रिय रूप से भाग लिया तथा विशेषज्ञों की सलाह से लाभ उठाया। पशुपालन एवं पशु चिकित्सा विभाग, बोमडिला तथा इसमें शामिल सभी विशेषज्ञों को मिथुन पालन को बढ़ावा देने हेतु उनके समर्पण और योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

किसानों ने टीएसपी योजना के अंतर्गत समर्थन और सहायता हेतु भाकृअनुप-एनआरसी मिथुन, नागालैंड के निदेशक, श्री गिरीश पाटिल एस. के प्रयासों की सराहना की।

संस्थान ने भाकृअनुप-केवीके वेस्ट कामेंग और एएचवीडीडी, एपी सरकार के साथ मिलकर प्रदर्शनी स्टालों के माध्यम से अपनी प्रौद्योगिकियों और उत्पादों का प्रदर्शन किया। अरुणाचल प्रदेश में मिथुन क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए रोडमैप पर एक नीति पत्र भी जारी किया गया।

सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से, भाकृअनुप-एनआरसी मिथुन पर वैज्ञानिक मिथुन पालन को बढ़ावा देने तथा ग्रामीण कृषक समुदाय को समर्थन देने के लिए प्रयासरत है।

कार्यक्रम में कुल 250 मिथुन पालक किसानों ने भाग लिया और इससे लाभ उठाया।

(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय मिथुन अनुसंधान केन्द्र, मेडजीफेमा, दीमापुर, नागालैंड)

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