31 अगस्त, 2022, लुधियाना
भाकृअनुप-केन्द्रीय कटाई-उपरांत अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, लुधियाना ने भारत सरकार की अनुसूचित जाति उप योजना पद्धति के तहत तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें बाजरा और दाल सहित खाद्यान्नों के प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन पर आज (29 - 31 अगस्त, 2022) यहां संपन्न हुआ।

कार्यक्रम का उद्देश्य अनुसूचित जाति के गरीब परिवारों को मजबूत करना और उन्हें अनाज, बाजरा और दालों के प्रसंस्करण के क्षेत्र में गतिविधियों को शुरू करने के लिए प्रशिक्षण प्रदान करना था, जिसमें मूल्यवर्धित खाद्य उत्पादों पर विशेष जोर दिया जा सके।
समापन कार्यक्रम की अध्यक्षता, डॉ. नचिकेत कोतवालीवाले, निदेशक, भाकृअनुप-सीफेट ने की। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि इच्छुक प्रतिभागियों द्वारा उद्यमशीलता गतिविधियों को शुरू करने के लिए भाकृअनुप-सीफेट की प्रसंस्करण सुविधाओं का उपयोग किया जा सकता है; और प्रसंस्करण क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए अनुभव भी प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने भारत सरकार की पीएमएफएमई योजना के एक जिला एक कार्यक्रम के बारे में भी जानकारी दी।
इस विषय पर एक प्रशिक्षण पुस्तिका भी जारी की गई, और ज्ञान बांटने के लिए प्रतिभागियों को वितरित की गई।
कौशल विकास कार्यक्रम में खाद्यान्नों के प्राथमिक प्रसंस्करण जैसे अनाज, बाजरा और दालों की पिसाई, पास्ता बनाना, बाजरा से बेकरी उत्पाद, ज्वार जैसे मोटे अनाज से एक्सट्रूडेड और पॉप्ड उत्पाद पर व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
पीएयू और भाकृअनुप-अटारी के विशेषज्ञों ने भी विभिन्न सरकारी योजनाओं और विपणन रणनीतियों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान व्याख्यान दिया।
लुधियाना जिले की जगराओं तहसील के गांव घुम्नेवाल और मनीवाल से 90% से अधिक महिला प्रतिभागियों के साथ 50 अनुसूचित जाति के प्रतिभागियों ने कार्यक्रम में भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय कटाई- उपरांत अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, लुधियाना)
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