आंध्र प्रदेश के सलूर में जायफल की खेती पर किसान सम्मेलन आयोजित

आंध्र प्रदेश के सलूर में जायफल की खेती पर किसान सम्मेलन आयोजित

19 जून, 2025, आंध्र प्रदेश  

सलूर जिले में मसाला खेती में अवसरों की खोज करने वाले किसानों की बढ़ती रुचि और उभरती जरूरतों को पूरा करने के लिए, भाकृअनुप-भारतीय मसाला अनुसंधान संस्थान, कोझीकोड ने आज जायफल की खेती पर किसान सम्मेलन आयोजित किया। यह कार्यक्रम श्री लीला प्रसाद चालसानी के खेत में आयोजित किया गया, जो एक प्रगतिशील किसान और इस क्षेत्र में मसाला फसल की खेती में अग्रणी हैं।

हालांकि जिले में जायफल की खेती एकल फसल तथा अंतर फसल दोनों के रूप में तेजी से की जा रही है, लेकिन स्थानीय परिस्थितियों में इसके प्रदर्शन का सीमित वैज्ञानिक मूल्यांकन किया गया है।

भाकृअनुप-आईआईएसआर के वैज्ञानिकों की एक टीम ने विकास प्रदर्शन, उपज और जैविक एवं अजैविक तनावों की प्रतिक्रियाओं सहित कृषि संबंधी चुनौतियों को समझने के लिए कई किसानों के साथ क्षेत्र का दौरा तथा खेत पर बातचीत की।

Farmer Meet on Nutmeg Cultivation Organised in Salur, Andhra Pradesh

खुली चर्चा से पहले तकनीकी सत्र में, टीम ने सलूर, राजमुंदरी और एलुरु सहित आंध्र प्रदेश में किए गए क्षेत्रीय दौरों से प्राप्त अवलोकन प्रस्तुत किए। वैज्ञानिकों ने जायफल की अंतर-फसल के लिए पर्याप्त प्रकाश उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पाम ऑयल, सुपारी और नारियल जैसी मुख्य फसलों के लिए वैकल्पिक रोपण ज्यामिति अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

इस सत्र में 80 से अधिक किसानों ने भाग लिया, जिसमें गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री के चयन, इष्टतम रोपण समय, देखभाल और फसल सुरक्षा रणनीतियों पर व्यावहारिक प्रशिक्षण शामिल था। चर्चा में सलूर की विशिष्ट कृषि-जलवायु परिस्थितियों में जायफल की उत्पादकता बढ़ाने पर भी ध्यान केन्द्रित किया गया।

यह पहल भाकृअनुप-आईआईएसआर के सतत मसाला खेती को बढ़ावा देने तथा जायफल जैसी उच्च मूल्य वाली फसलों में उद्यम करने वाले कृषक समुदायों को क्षेत्र-विशिष्ट वैज्ञानिक सहायता प्रदान करने के निरंतर प्रयासों का हिस्सा है।

(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय मसाला अनुसंधान संस्थान, कोझीकोड)

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