आईसीएआर-सीआईएफटी ने विश्व पर्यावरण दिवस पर मछली अपशिष्ट आधारित कृषि-पोषक प्रौद्योगिकी हस्तांतरित की

आईसीएआर-सीआईएफटी ने विश्व पर्यावरण दिवस पर मछली अपशिष्ट आधारित कृषि-पोषक प्रौद्योगिकी हस्तांतरित की

5 जून, 2025, कोच्चि

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर, भाकृअनुप-केन्द्रीय मत्स्य प्रौद्योगिकी संस्थान, कोच्चि ने मछली अपशिष्ट से प्राप्त एक अभिनव कृषि-पोषक प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते पर कोलकाता की सुश्री वरालिका मनकसिया और श्री आदित्य बी. मनकसिया के साथ हस्ताक्षर किया गया।

भाकृअनुप-सीआईएफटी के निदेशक, डॉ. जॉर्ज निनान ने इस बात पर जोर दिया कि यह समझौता कृषि लाभ के लिए मत्स्य उप-उत्पादों के उपयोग में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। समझौता ज्ञापन के हिस्से के रूप में, संस्थान कार्यान्वयन और स्केलिंग में सहायता के लिए तकनीकी सहायता तथा एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) प्रदान करेगा।

ICAR-CIFT Transfers Fish Waste-Based Agro-Nutrient Technology on World Environment Day

 “बीज प्राइमिंग और तनाव तन्यकता के लिए मछली अपशिष्ट से कृषि-पोषक निर्माण” नामक पर्यावरण-अनुकूल प्रौद्योगिकी, टिकाऊ कृषि और परिपत्र अर्थव्यवस्था प्रथाओं का समर्थन करती है। यह पहल भाकृअनुप-सीआईएफटी के पर्यावरण-नवाचारों को बढ़ावा देने और मत्स्य अपशिष्ट के मूल्य निर्धारण के लिए चल रहे प्रयासों का हिस्सा है।

भाकृअनुप-सीआईएफटी की सबसे कम उम्र की इनक्यूबेटी और एक होनहार युवा उद्यमी सुश्री वरालिका मनकसिया अपने पिता श्री आदित्य बी. मनकसिया, जो पश्चिम बंगाल के एक प्रसिद्ध उद्यमी हैं, के सहयोग से इस तकनीक को अपनाने का नेतृत्व करेंगी। 

यह सहयोग भाकृअनुप-सीआईएफटी के अनुसंधान-आधारित, व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य प्रौद्योगिकियों के प्रसार के अधिदेश के अनुरूप है और सतत विकास, संसाधन दक्षता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह भाकृअनुप-सीआईएफटी की इनक्यूबेशन पहलों के माध्यम से समर्थित कृषि-स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में युवा उद्यमियों की बढ़ती भूमिका को भी उजागर करता है।

(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय मत्स्य प्रौद्योगिकी संस्थान, कोच्चि)

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