29 अगस्त, 2025, हैदराबादा
कृषि परिवर्तन के माध्यम से विकसित भारत @2047 के विजन को साकार करने के राष्ट्रव्यापी प्रयासों के तहत, भाकृअनुप-भारतीय कदन्न अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद में तेलंगाना की राज्य स्तरीय समन्वय समिति कार्यशाला तथा वीकेएसए रबी अभियान योजना बैठक का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला 3-18 अक्टूबर, 2025 तक आयोजित होने वाले आगामी विकसित कृषि संकल्प अभियान रबी अभियान के लिए एक तैयारी मंच के रूप में भी कार्य करती है।
डॉ. सी. तारा सत्यवती, निदेशक, भाकृअनुप-आईआईएमआर ने तेलंगाना में कृषि अनुसंधान एवं विकास को मजबूत करने और किसानों को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण में तेजी लाने के लिए केन्द्र और राज्य एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय एवं अभिसरण के महत्व पर जोर दिया।

विचार-विमर्श निम्नलिखित विषयों पर केन्द्रित था:
•तेलंगाना में कृषि विकास के लिए एक पंचवर्षीय कार्य योजना विकसित करना।
•भाकृअनुप, राज्य सरकार, केवीके, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों तथा संबद्ध विभागों के बीच कार्यक्रमों के अभिसरण को बढ़ावा देना।
•अनुसंधान, विस्तार तथा प्रौद्योगिकी अपनाने को मज़बूत करने के लिए राज्य-विशिष्ट प्राथमिकताओं की पहचान करना।
•केन्द्र और राज्य की पहलों के बीच तालमेल बनाने के लिए एक राज्य समन्वय समिति की स्थापना करना।
•किसानों की आय वृद्धि, जलवायु-अनुकूल कृषि तथा कुशल संसाधन उपयोग के लिए एक रोडमैप की रूपरेखा तैयार करना।
भाकृअनुप संस्थानों के निदेशकों ने विकसित भारत @2047 और वीकेएसए रबी अभियान के लक्ष्यों में योगदान देने के लिए संस्थानों की सामूहिक ज़िम्मेदारी को रेखांकित किया। बैठक का समापन तेलंगाना के लिए एक राज्य-विशिष्ट रोडमैप तैयार करने की प्रतिबद्धता के साथ हुआ, जिसमें अगले पाँच वर्षों में अनुसंधान, विस्तार और विकास प्राथमिकताओं को प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए आवधिक निगरानी तंत्र के साथ संरेखित किया गया।

डॉ. आर.के. माथुर, निदेशक, भाकृअनुप-भारतीय तिलहन अनुसंधान संस्थान; डॉ. आर.एम. सुंदरम, निदेशक, भाकृअनुप-भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान; और डॉ. एस.एन. मीरा, निदेशक, भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, के साथ-साथ पीजेटीएयू, एसकेएलएचटीयू, पीवीएनआरटीवीयू, बागवानी विभाग तथा अन्य संबंधित विभागों के प्रतिनिधि प्रमुख प्रतिनिधियों में शामिल थे।
हैदराबाद स्थित विभिन्न भाकृअनुप संस्थानों के निदेशक और वरिष्ठ प्रतिनिधि तथा राज्य कृषि विश्वविद्यालयों, राज्य विभागों और संबद्ध संगठनों के अधिकारियों ने भी भाग लिया, जिसमें ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से कुल 30 प्रतिभागी शामिल हुए।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद)
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