2 अगस्त, 2025, हैदराबाद
डॉ. एम.एल. जाट, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअप) ने आज हैदराबाद स्थित भाकृअनुप-राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी में कृषि अनुसंधान सेवा (एफओसीएआरएस) के 114वें फाउंडेशन कोर्स के परिवीक्षाधीन वैज्ञानिकों के साथ बातचीत की।

अपने प्रेरक संबोधन में, डॉ. जाट ने युवा वैज्ञानिकों को उभरते वैश्विक रुझानों के साथ अपने करियर को संरेखित करने तथा एक प्रणाली-उन्मुख मानसिकता अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने डिज़ाइन थिंकिंग, कार्य-उन्मुख लक्ष्यों, स्पष्ट रूप से परिभाषित प्रदर्शन संकेतकों और मांग-आधारित अनुसंधान के महत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने करियर और संस्थागत लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए उन्हें प्रभावशाली अनुसंधान कार्यक्रमों को डिजाइन और क्रियान्वित करने में सक्षम सहयोगी पेशेवर टीमों का विकास तथा नेतृत्व करने की भी सलाह दी।
इससे पहले, डॉ. जाट ने नाश्ते पर एफओसीएआरएस प्रतिभागियों के साथ एक अनौपचारिक बातचीत की, जिससे खुले संवाद और सौहार्द को बढ़ावा मिला। अपनी यात्रा की स्मृति में, उन्होंने अकादमी परिसर में आम के पौधे भी लगाए, जिससे स्थिरता एवं विकास का संदेश और भी प्रबल हुआ।

अपनी यात्रा के दौरान, डॉ. जाट ने भाकृअनुप-नार्म के संकाय और कर्मचारियों के साथ भी चर्चा की, जहाँ उन्होंने अनुसंधान प्रबंधन तथा संस्थागत दक्षता को सुदृढ़ करने के लिए रणनीतियों तथा प्रमुख कार्य बिंदुओं पर चर्चा की।
डॉ. गोपाल लाल, निदेशक, भाकृअनुप-नार्म ने 114वें एफओसीएआरएस का अवलोकन प्रस्तुत किया और इसकी प्रासंगिकता तथा प्रभाव को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल में शुरू की गई नई पहलों पर प्रकाश डाला।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी, हैदराबाद)
फेसबुक पर लाइक करें
यूट्यूब पर सदस्यता लें
X पर फॉलो करना X
इंस्टाग्राम पर लाइक करें