21 नवम्बर, 2016, कोच्चि
भाकृअनुप – केन्द्रीय मात्स्यिकी प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईएफटी), कोच्चि द्वारा ओवरफिशिंग (आवश्यकता से अधिक मछली पकड़ना), जलजीव निवासों के विनाश, विशाल जलजीव संस्साधनों की सततता को प्रभावित करने वाले खतरों तथा वैश्विक मछली पालन की टिकाऊ पारिस्थितिकी प्रबंधन के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से विश्व मात्स्यिकी दिवस का आयोजन किया गया।
श्रीमती स्वामिनी जैन, कोच्चि निगम की महापौर ने सभा की मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम का उद्घाटन किया तथा अपने संबोधन में महत्वपूर्ण मुद्दों जैसे, बड़े स्तर पर छोटी मछली पकड़ना, अत्यधिक मछली पकड़ना, जलाशयों के प्रदूषण आदि पर मुद्दों पर चिंता व्यक्त की। इसके साथ ही सुझाव दिया कि मात्स्यिकी संसाधनों के टिकाऊ उपयोग के लिए मत्स्य क्षेत्र के हितधारकों को आगे आना चाहिए।
सुश्री मालिनी बीजू, सलाहकार, विलिंगडन द्वीप, उत्तरी संभाग द्वारा सम्मान समारोह का संचालन किया गया।
डॉ. सी. एन. रविशंकर, निदेशक, आईसीएआर- सीआईएफटी ने संस्थान द्वारा मात्स्यिकी के क्षेत्र में उन्नत प्रौद्योगिकियों को विकासित करने के लिए सराहना की।
आईसीएआर – सीआईएफटी, शिलांग, मेघालय में मात्स्यिकी विभाग, मेघालय तथा आईजीकेवी, छत्तीसगढ़ में अटारी जोधपुर, मध्यप्रदेश के साथ ही विशाखापट्टनम (आंध्र प्रदेश), वेरावेल (गुजरात), और मुंम्बई (महाराष्ट्र) में तीन अनुसंधान केन्द्रों पर आईसीएआर- सीआईएफटी द्वारा विश्व मात्स्यिकी दिवस मनाया जा रहा है।
इस अवसर पर ‘नीड फॉर कंजर्वेशन ऑफ फिशरी रिसोर्सेज’ विषय पर सेमीनार तथा क्विज प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया।
(स्रोतः भाकृअनुप- केन्द्रीय मात्स्यिकी प्रौद्योगिकी संस्थान, कोच्चि)







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