2 अगस्त, 2025, केरल
पीएम-किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त जारी करने के उपलक्ष्य में, भाकृअनुप-केन्द्रीय रोपण फसल अनुसंधान संस्थान, कासरगोड ने प्रधानमंत्री किसान उत्सव दिवस के तहत एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने राष्ट्रीय संबोधन में इस योजना की पारदर्शिता पर प्रकाश डाला तथा कहा कि धनराशि बिना किसी बिचौलियों की भागीदारी के सीधे किसानों के बैंक खातों में हस्तांतरित की जा रही है। उन्होंने वैश्विक व्यापार से संबंधित मूल्य अस्थिरता को कम करने के लिए वोकल फॉर लोकल पहल को मजबूत करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।

मुख्य अतिथि, श्री एन.ए. नेल्लीकुन्नू, विधायक, कासरगोड ने संवाद कार्यक्रम का उद्घाटन किया तथा किसान-केन्द्रित पहलों के लिए भाकृअनुप-सीपीसीआरआई की सराहना की। अपने संबोधन में, उन्होंने किसानों को सशक्त बनाने के लिए भारत सरकार के प्रयासों की सराहना की और "जय जवान, जय किसान" के नारे की स्थायी प्रासंगिकता की पुष्टि की।
अध्यक्षीय भाषण देते हुए डॉ. के.बी. हेब्बार, निदेशक, भाकृअनुप-सीपीसीआरआई ने जलवायु-जनित चुनौतियों, जैसे कि सफेद मक्खी के प्रकोप, से निपटने में प्राकृतिक खेती की भूमिका पर ज़ोर दिया। उन्होंने जलवायु-अनुकूल कृषि और भाकृअनुप-सीपीसीआरआई द्वारा विकसित की जा रही प्रौद्योगिकी-संचालित नवाचारों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने नारियल और सुपारी-आधारित कृषि प्रणालियों की कार्बन क्रेडिट क्षमता पर विस्तार से प्रकाश डाला, जो न केवल वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड को सोखती हैं, बल्कि कृषि भूमि से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को भी कम करती हैं।

श्रीमती सुमा, उप-निदेशक, आत्मा ने उपस्थित लोगों का अभिनंदन किया और प्रतिभागियों तथा आयोजकों की सराहना की।
"कासरगोड जिले में प्राकृतिक खेती के अवसर" पर एक संवादात्मक सत्र आयोजित किया गया, जिसके बाद जीवामृत, नीमास्त्र और ब्रह्मास्त्र सहित प्राकृतिक खेती के आदानों की तैयारी पर एक लाइव प्रदर्शन किया गया। इन प्रदर्शनों का उद्देश्य किसानों को टिकाऊ, कम लागत वाली कृषि पद्धतियों से सशक्त बनाना था।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय रोपण फसल अनुसंधान संस्थान, कासरगोड, केरल)
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