11 अक्टूबर, 2025, राजस्थान
भाकृअनुप-भारतीय रेपसीड-सरसों अनुसंधान संस्थान, भरतपुर, राजस्थान ने आज भारतीय सरसों की किस्म DRMRIJ-31 (गिरिराज) के गैर-अनन्य लाइसेंस के लिए मेसर्स नरोत्तम सीड्स एलएलपी, मोहकमपुर, फेज 1, मेरठ सिटी, मेरठ, उत्तर प्रदेश के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया।
DRMRIJ-31 (गिरिराज) एक उच्च उपज देने वाली और उच्च तेल मात्रा वाली सरसों की किस्म है, जिसे राजस्थान, उत्तर प्रदेश तथा हरियाणा में समय पर बुवाई के लिए अनुशंसित किया गया है, तथा इसने अन्य सरसों उत्पादक क्षेत्रों में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।

समझौता ज्ञापन पर औपचारिक रूप से डॉ. वी.वी. सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-आईआईआरएमआर, भरतपुर तथा श्री अतुल्य बंधु गुप्ता, प्रबंध निदेशक, मेसर्स नरोत्तम सीड्स एलएलपी, ने अपने-अपने संगठनों की ओर से हस्ताक्षर किया।
अपने संबोधन में, डॉ. वी.वी. सिंह ने इस बात पर ज़ोर दिया कि उच्च उपज देने वाली किस्मों के व्यावसायीकरण से किसानों के खेतों में उन्नत किस्मों के प्रसार में मदद मिलेगी, जिससे अंततः खाद्य तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के भारत के लक्ष्य में योगदान मिलेगा।
श्री बंधु गुप्ता ने खाद्य तेल आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के राष्ट्रीय मिशन का समर्थन करने हेतु गुणवत्तापूर्ण बीज उत्पादन तथा वितरण को बढ़ाने में सक्रिय भागीदारी का आश्वासन देते हुए, सहयोगात्मक प्रयासों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। हस्ताक्षर समारोह के दौरान भाकृअनुप-आईआईआरएमआर तथा मेसर्स नरोत्तम सीड्स एलएलपी के अधिकारी भी उपस्थित थे।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय रेपसीड-सरसों अनुसंधान संस्थान, भरतपुर, राजस्थान)
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