यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल का भाकृअनुप-आईएआरआई का दौरा

यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल का भाकृअनुप-आईएआरआई का दौरा

12 सितंबर, 2025, नई दिल्ली

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली ने आज भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली में यूरोपीय कृषि एवं खाद्य आयुक्त के प्रतिनिधिमंडल की मेजबानी की।

कृषि एवं खाद्य पर यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व श्री क्रिस्टोफ़ हैनसेन, कृषि एवं खाद्य आयुक्त, यूरोपीय संघ ने किया और इसके सदस्य सुश्री कैथरीन कॉम्बेट, प्रमुख, इकाई, कृषि महानिदेशक; सुश्री मौड फ्यूइलेट, नीति अधिकारी, कृषि महानिदेशक; श्री पावेल स्टाचोविएक, परामर्शदाता, भारत में यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल; आकांक्षा भूषण, व्यापार मामलों की अधिकारी, भारत में यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल शामिल थे।

European Union Delegation Visits ICAR-IARI

डॉ. एम.एल. जाट, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) ने बैठक की अध्यक्षता की, उनके साथ डॉ. डी.के. यादव, उप-महानिदेशक (फसल विज्ञान), भाकृअनुप; डॉ. चेरुकमल्ली श्रीनिवास राव, निदेशक, भाकृअनुप-आईएआरआई, नई दिल्ली; श्री अभिषेक देव, अध्यक्ष एपीडा; डॉ. ए.के. सिंह, पूर्व निदेशक, भाकृअनुप-आईएआरआई एवं एमेरिटस वैज्ञानिक; डॉ. विश्वनाथन सी., संयुक्त निदेशक (अनुसंधान), भाकृअनुप-आईएआरआई, नई दिल्ली और भाकृअनुप-आईएआरआई, एपीडा तथा चावल उद्योग के सदस्य शामिल हुए।

डॉ. जाट ने अपने संबोधन में बासमती चावल को ध्यान में रखकर लोगों, पौधों और लाभ के सतत विकास की ओर बढ़ने की आवश्यकता पर बल दिया। बेहतर पैदावार के साथ अवधि कम करने में बासमती चावल शोधकर्ताओं के योगदान की प्रशंसा करते हुए, उन्होंने भारत में नई बासमती चावल किस्मों के विकास, परीक्षण एवं विमोचन में अपनाई गई सर्वोत्तम प्रथाओं के कारण बासमती चावल किस्मों के आवधिक अद्यतन की आवश्यकता पर बल दिया ताकि छोटे पैमाने के किसान तथा उपभोक्ता बासमती चावल से लाभान्वित हो सके। डॉ. जाट ने कम कार्बन चावल के बारे में भी बात की, जिसे कम इनपुट के साथ कम कार्बन चावल के रूप में स्थायी रूप से उत्पादित किया जाता है, साथ ही मानव स्वास्थ्य को जोखिम में डाले बिना डिफ़ॉल्ट सीमा या कोडेक्स स्तरों को ध्यान में रखकर कीटनाशकों के सुरक्षित एमआरएल की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।

डॉ. डी.के. यादव, उप-महानिदेशक (फसल विज्ञान), भाकृअनुप ने बैठक के एजेंडे की जानकारी दी, जिसमें उन्नत बासमती चावल की किस्मों की सूची, यूरोपीय संघ में कीटनाशक अवशेषों के डिफ़ॉल्ट एमआरएल, कृषि निर्यात का अवलोकन तथा यूरोपीय संघ और भारत के बीच जैविक उत्पादों के व्यापार का मुद्दा शामिल था।

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श्री क्रिस्टोफ़ हैनसेन ने भारत में बासमती चावल के सतत उत्पादन की दिशा में किए जा रहे अनुसंधान प्रयासों की सराहना की तथा बासमती चावल के जीआई की स्थिति, मुक्त व्यापार समझौते के मद्देनजर उन्नत बासमती चावल की किस्मों को शामिल करने और पारस्परिक रूप से सहमत समतुल्यता के आधार पर जैविक उत्पादों पर बातचीत के बारे में जानकारी दी।

डॉ. चेरुकमल्ली श्रीनिवास राव, निदेशक, भाकृअनुप-आईएआरआई, नई दिल्ली ने प्रतिनिधिमंडल तथा प्रतिभागियों का स्वागत किया और हरित क्रांति के केन्द्र में प्रतिनिधियों का हार्दिक अभिनंदन किया तथा भारत में खाद्य एवं पोषण सुरक्षा प्राप्त करने में भाकृअनुप-आईएआरआई की प्रमुख भूमिका के बारे में जानकारी दी।

प्रतिनिधिमंडल ने इससे पहले बासमती चावल के खेतों का दौरा किया, जहाँ उन्हें भाकृअनुप-आईएआरआई द्वारा विकसित बासमती चावल की किस्मों का प्रदर्शन दिखाया गया।

(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली)

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