फसल बीमा क्लेम में किसानों की शिकायतों पर केन्द्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान सख्त, दिल्ली पहुंचते ही ली हाईलेवल मीटिंग

फसल बीमा क्लेम में किसानों की शिकायतों पर केन्द्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान सख्त, दिल्ली पहुंचते ही ली हाईलेवल मीटिंग

केन्द्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बैठक में महाराष्ट्र के किसानों को वर्चुअल जोड़कर गहराई से सुनी उनकी बात

किसानों को नहीं होने देंगे परेशान, फसल बीमा को लेकर केन्द्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने दिया जांच का आदेश

1 रु., 3 रु., 5 रु का क्लेम मिलना किसानों के साथ मजाक, सरकार करेगी पूरी पड़ताल- श्री शिवराज सिंह चौहान

केन्द्रीय कृषि मंत्री ने फसल बीमा क्लेम राशि में विसंगतियों पर अफसरों को जताई नाराजगी

किसानों के हित में फसल बीमा कंपनियों एवं अफसरों को केन्द्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने दिए सख्त निर्देश

किसानों को क्लेम जल्दी और एक साथ मिलना चाहिए, जरूरी बदलाव कर विसंगतियां करें दूर- श्री शिवराज सिंह चौहान

फसलों को नुकसान होने पर क्षति का आकलन सटीक प्रणाली से होना चाहिए- केन्द्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान

अपना हिस्सा देने में राज्यों द्वारा देरी की वजह से केन्द्र क्यों हो बदनाम, राज्यों से समन्वय करें अधिकारी- श्री शिवराज सिंह चौहान

3 नवंबर 2025, नई दिल्ली

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री, श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से संबंधित किसानों की परेशानियां दूर करने और क्लेम के बारे में उनकी शिकायतों के समाधान के लिए आज दिल्ली में उच्चस्तरीय बैठक ली। श्री चौहान ने बैठक में महाराष्ट्र के कुछ किसानों को भी वर्चुअल जोड़कर गहराई से सीधे उनकी बात सुनी तथा अधिकारियों से इसके बारे में जवाब मांगा। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हम किसानों को किसी भी हालत में परेशान नहीं होने देंगे। 1 रु., 3 रु., 5 रु. या 21 रु. का फसल बीमा क्लेम मिलना किसानों के साथ मजाक है, सरकार ऐसा नहीं होने देगी। उन्होंने इस संबंध में पूरी जांच के आदेश दिए, साथ ही किसानों के हित में बीमा कंपनियों एवं अफसरों को सख्त निर्देश दिए और कहा कि किसानों को क्लेम जल्दी तथा एक साथ मिलना चाहिए साथ ही क्षति का आकलन सटीक प्रणाली से हो, इसके लिए केन्द्रीय मंत्री ने योजना के प्रावधानों में आवश्यकता होने पर बदलाव करने के बाद इसके विसंगतियों को दूर करने हेतु अफसरों को निर्देश दिया।

    

केन्द्रीय कृषि मंत्री ने अपने संसदीय क्षेत्र के प्रवास के दौरान सीहोर जिले के किसानों से मिली शिकायतों को लेकर काफी गंभीर थे। श्री चौहान अपने संसदीय क्षेत्र से लौटते ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जुड़े सारे वरिष्ठ अधिकारियों तथा सभी बीमा कंपनियों के उच्चाधिकारियों को भी उन्होंने फौरन तलब किया। श्री चौहान ने इन सबकी बैठक लेकर कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना देश के किसानों के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में, उनकी फसलों के प्राकृतिक आपदा से नुकसान होने की स्थिति में सुरक्षा कवच के रूप में वरदान की तरह हैं, लेकिन साथ ही कुछ चीजें ऐसी हुई हैं कि जिससे इस महत्वपूर्ण योजना की बदनामी हुई है और मजाक भी उड़ता है तथा प्रोपेगेंडा करने का मौका मिलता है।

श्री शिवराज सिंह चौहान ने सीहोर जिले के कुछ किसानों के नाम सहित बैठक में मौजूद अधिकारियों को उदाहरण देते हुए कहा कि इन किसानों को फसल बीमा कराने के बावजूद नुकसान होने पर जीरो लास दिखाया गया, वहीं क्लेम मिला 1 रु., एक अन्य किसान का नुकसान दिखाया गया 0.004806 प्रतिशत, केंद्रीय मंत्री ने किसानों की ओर से सवाल उठाया कि ये कौन-सा तरीका है क्षति मांपने का। और, क्लेम पेमेंट भी 1 रु. मिला। एक और किसान का भी नुकसान ठीक इसी तरह का बताया गया और क्लेम भी 1 रु. का मिला, अन्य किसानों की भी इसी तरह की समस्या शिवराज सिंह ने अफसरों के सामने रखते हुए पूछा कि क्या ये किसानों के साथ अन्याय नहीं है, क्या जस्टिफिकेशन हैं इसका। केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने सख्त लहजे में कहा कि ऐसी बातों पर मैं गहराई में जाऊंगा, फसल बीमा योजना कोई मजाक नहीं है। ये मजाक मैं नहीं चलने दूंगा। उन्होंने सीहोर कलेक्टर को भी बैठक से वर्चुअल जोड़ने का निर्देश देकर उनसे पूरी जानकारी ली और दिल्ली के अफसरों व कंपनी प्रतिनिधियों से सवाल किए।

   

केन्द्रीय मंत्री के निर्देश पर इस बैठक में महाराष्ट्र के कृषि आयुक्त तथा राज्य के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को भी वर्चुअल जोड़ा गया, साथ ही अकोला जिले के शिकायतकर्ता कुछ किसानों को भी ऑनलाइन जोड़कर उनसे पूरी जानकारी ली गई, जिनकी शिकायत थी कि 5 रु., 21 रु. मिले हैं, शिवराज सिंह ने पूरी बारीकी से पूछताछ करते हुए सवाल किया कि हमारे किसानों को इस तरह से इतना कम क्लेम पेमेंट कैसे और क्यों हुआ है। अलग-अलग खसरों तथा अलग-अलग फसलों का बीमा करवाने के लिए किसानों द्वारा अलग-अलग आवेदन दिए जाने तथा प्रारंभिक रूप से पहले ही क्लेम राशि मिल जाने व सर्वे के बाद बाकी क्लेम राशि एडजस्ट करने के लिए इतनी कम राशि जमा होने संबंधी अफसरों द्वारा दिए जवाब पर केन्द्रीय मंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि ये विसंगति है, जिसे दूर किया जाए, इससे क्लेम पेमेंट मिलने के समय किसानों में भ्रम होता है, सरकार की बेवजह ही बदनामी होती है और मजाक बन जाता है।

उन्होंने कहा कि किसानों को क्लेम मिलने में देर नहीं लगना चाहिए, साथ ही श्री चौहान ने बीमा कंपनियों को भी निर्देश दिया कि नुकसान के सर्वे के समय उनका प्रतिनिधि भी जरूर उपस्थित रहना चाहिए, ताकि कोई गड़बड़ी नहीं होने पाएं व किसान को वास्तविक क्लेम मिल सकें। बैठक में यह बात उठने पर कि कुछ राज्य अपने हिस्से की सब्सिडी की राशि देरी से जमा करते हैं या महीनों से नहीं दे रहे हैं, शिवराज सिंह ने कहा कि सभी राज्यों से समन्वय कर राज्यांश राशि समय पर जमा करवाई जाए, ताकि फसलों के नुकसान की स्थिति में पीड़ित किसानों को उनकी क्लेम राशि समय पर मिल सकें, वही जो राज्य ढिलाई बरत रहे हैं, उनसे 12 प्रतिशत ब्याज वसूला जाए, जैसा कि केंद्र ने किसानों के हित में बड़ा प्रावधान किया है।

श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों को टेक्नालाजी से जोड़ना पड़ेगा, जिससे कि पूरी पारदर्शिता बनी रहे, हमारे किसान भाई-बहन भी जागरूक रहे, साथ ही, कोई गड़बड़ियां होने की गुंजाइश न हो इस पर ध्यान रखा जाए।

( स्रोतः कृषि भवन, नई दिल्ली) 

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