23 जून, 2021, कोलकाता
प्रो. एच. के. सेनापति, अध्यक्ष, क्षेत्रीय निगरानी समिति ने कहा कि गीली घास, मृदा नमी संरक्षण, कस्टम हायरिंग सेंटर आदि जैसे हस्तक्षेप जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लचीलेपन में महत्त्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। प्रो. सेनापति आज भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता द्वारा आयोजित जोन-V के निक्रा केवीके की क्षेत्रीय कार्यशाला के समापन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
डॉ. वी. के. सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-केंद्रीय बारानी कृषि अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद ने परिवार आधारित दृष्टिकोण के माध्यम से कृषि प्रणाली टाइपोलॉजी (प्ररूप-वर्गीकरण) आधारित योजना और इसके कार्यान्वयन पर जोर दिया। उन्होंने चावल आधारित कृषि प्रणालियों के क्षेत्रों में अधिक फसल विविधता के लिए भी आग्रह किया।
डॉ. एस. के. रॉय, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, कोलकाता ने कहा कि निक्रा के तहत हस्तक्षेप को मौजूदा फसल प्रथाओं के साथ भेद्यता का अध्ययन करना चाहिए और निक्रा हस्तक्षेप के माध्यम से इस भेद्यता को रोकना प्राथमिकता होनी चाहिए।
कार्यशाला में भाकृअनुप-अटारी, कोलकाता के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता)
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