26 मार्च, 2021, उत्तर प्रदेश
कृषि विज्ञान केंद्र – II, सीतापुर, उत्तर प्रदेश और भाकृअनुप-राष्ट्रीय समेकित नाशीजीव प्रबंधन अनुसंधान केंद्र, नई दिल्ली ने आज अनुसूचित जाति उप योजना के तहत संयुक्त रूप से ‘एकीकृत कीट प्रबंधन (आईपीएम) किसान मेला’ का उद्घाटन किया।
डॉ. शैलेन्द्र राजन, निदेशक, भाकृअनुप-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ, उत्तर प्रदेश ने ऐसे प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया जिसमें अनुसंधान संस्थान और कृषि विज्ञान केंद्र किसानों को नवीनतम आईपीएम उपकरण और प्रौद्योगिकी का प्रसार करते हैं और किसानों के कार्यों की निगरानी करते हैं।
डॉ. अतर सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोन - III, कानपुर, उत्तर प्रदेश ने किसानों, स्वयं सहायता समूहों, किसान क्लबों और किसान उत्पादक संगठनों को सशक्त बनाने में कृषि विज्ञान केंद्रों की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने लाभार्थियों से नवीनतम प्रौद्योगिकियों को लागू करने में गंभीर प्रयास करने, दोस्तों, रिश्तेदारों, स्वयं के गाँवों और आस-पास के क्षेत्रों में इसे फैलाने के लिए एक आईपीएम राजदूत बनने का आग्रह किया।
श्री गिरीश चंद्र मिश्रा, उपाध्यक्ष, राज्य ललित कला अकादमी, उत्तर प्रदेश ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के प्रयासों की सराहना की।
श्री अरविंद मोहन मिश्र, उप निदेशक, कृषि, सीतापुर, उत्तर प्रदेश ने जोर दिया कि एकीकृत प्रौद्योगिकियों को अपनाकर किसान कीट प्रतिरोध से बच सकता है।
कार्यक्रम में 72 लाभार्थियों सहित महिला किसानों, स्वयं सहायता समूहों, किसान उत्पादक संगठनों, किसान क्लबों और 4 निजी संगठनों को मिलाकर कुल 153 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
(स्त्रोत: कृषि विज्ञान केंद्र, सीतापुर, उत्तर प्रदेश)
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