अद्यतन सुविधाओं से लैस भाकृअनुप-राअस्ट्रैप्रसं का प्रशासनिक भवन अनुसंधान सहित कृषि से जुड़े क्षेत्रों तथा बारामती के विकास में अहम भूमिका निभाएगी: श्री परशोत्तम रूपाला
अद्यतन सुविधाओं से लैस भाकृअनुप-राअस्ट्रैप्रसं का प्रशासनिक भवन अनुसंधान सहित कृषि से जुड़े क्षेत्रों तथा बारामती के विकास में अहम भूमिका निभाएगी: श्री परशोत्तम रूपाला

भाकृअनुप-राअस्ट्रैप्रसं के प्रशासनिक भवन का हुआ लोकार्पण

श्री परशोत्तम रूपाला, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री के मुख्य आतिथ्य में आज भाकृअनुप-राष्ट्रीय अजैविक स्ट्रैस प्रबंधन संस्थान, बारामती के 5755 वर्ग मीटर में फैले प्रशासनिक भवन का ऑनलाइन उद्घाटन किया गया। मंत्री ने सुविधाओं से परिपूर्ण भवन के निर्माण व लोकार्पण के लिए सीपीडब्ल्यूडी सहित संस्थान को बधाई दी।

अद्यतन सुविधाओं से लैस भाकृअनुप-राअस्ट्रैप्रसं का प्रशासनिक भवन अनुसंधान सहित कृषि से जुड़े क्षेत्रों तथा बारामती के विकास में अहम भूमिका निभाएगी: श्री परशोत्तम रूपालाअद्यतन सुविधाओं से लैस भाकृअनुप-राअस्ट्रैप्रसं का प्रशासनिक भवन अनुसंधान सहित कृषि से जुड़े क्षेत्रों तथा बारामती के विकास में अहम भूमिका निभाएगी: श्री परशोत्तम रूपाला

श्री रूपाला ने कहा कि पानी की कमी, अधिक गर्मी, सूखा और ऋतु चक्र में बदलाव का फसलों पर बहुत बुरा असर होता है जिसके समाधान के लिए भाकृअनुप-राअस्ट्रैप्रसं लगातार अनुसंधानरत रहते हुए कृषि क्षेत्र के लिए नए-नए प्रौद्योगिकी की खोज करते रहता है।

श्रीमती सुप्रिया सुले, सांसद, बारामती ने इस उपलब्धि के लिए केंद्र सरकार, कृषि मंत्रालय और राज्य सरकार की सराहना की तथा संस्थान में हो रहे नित नए अनुसंधान कार्यों की जानकारी दी।

अद्यतन सुविधाओं से लैस भाकृअनुप-राअस्ट्रैप्रसं का प्रशासनिक भवन अनुसंधान सहित कृषि से जुड़े क्षेत्रों तथा बारामती के विकास में अहम भूमिका निभाएगी: श्री परशोत्तम रूपालाअद्यतन सुविधाओं से लैस भाकृअनुप-राअस्ट्रैप्रसं का प्रशासनिक भवन अनुसंधान सहित कृषि से जुड़े क्षेत्रों तथा बारामती के विकास में अहम भूमिका निभाएगी: श्री परशोत्तम रूपाला

डॉ. त्रिलोचन महापात्र, सचिव (कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग) एवं महानिदेशक (भा.कृ.अनु.प.) ने जलवायु परिवर्तन और अजैविक स्ट्रैस की वजह से उत्पन्न चुनौतियों के समाधान के लिए संस्थान की कोशिशों, अनुसंधानों और उपलब्धियों के लिए संस्थान की सराहना की। उन्होंने प्रशासनिक भवन के लोकार्पण के अवसर पर संस्थान को बधाई दी। महानिदेशक ने दो मंज़िला प्रशासनिक भवन में उपलब्ध सुविधाओं – सम्मेलन कक्ष, समिति कक्ष, पुस्तकालय, संग्रहालय, निदेशक कार्यालय, आगंतुक कक्ष, सौर ऊर्जा संचयन तकनीकी आदि – का भी जिक्र किया।

श्री संजय कुमार सिंह, अतिरिक्त सचिव (कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग) एवं सचिव (भा.कृ.अनु.प.) ने इससे पहले अपने स्वागत संबोधन में कार्यक्रम की रूपरेखा का उल्लेख किया।

डॉ. हिमांशु पाठक, निदेशक, भाकृअनुप-राअस्ट्रैप्रसं ने गणमान्य अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम में भाकृअनुप के उप महानिदेशकों, अतिरिक्त महानिदेशकों, भा.कृ.अनु.प.-संस्थानों के निदेशकों और वरिष्ठ अधिकारियों ने आभासी तौर पर अपनी उपस्थिति दर्ज की।

इस दौरान संस्थान की गतिविधियों और भवन की विशेषताओं से संबंधित एक फिल्म भी दिखाई गई।

(स्त्रोत: भाकृअनुप-कृषि ज्ञान प्रबंध निदेशालय, नई दिल्ली)

 

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