महाराष्ट्र और गोवा के किसानों के लिए शूकर पालन हेतु प्रशिक्षण-सह-प्रदर्शन कार्यक्रम का आयोजन

महाराष्ट्र और गोवा के किसानों के लिए शूकर पालन हेतु प्रशिक्षण-सह-प्रदर्शन कार्यक्रम का आयोजन

21-22 फरवरी, 2024, गोवा

भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, गोवा ने 21-22 फरवरी, 2024 तक शूकर पालन पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (एआईसीआरपी) की जनजातीय उपयोजना के अंतर्गत 'वैज्ञानिक शूकर पालन' पर दो दिवसीय प्रशिक्षण-सह-प्रदर्शन का आयोजन किया।

डॉ. परवीन कुमार, निदेशक, भाकृअनुप-सीसीएआरआई, ने वैज्ञानिक शूकर पालन की संभावनाओं तथा विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला, जो कम लागत वाली पालन पद्धतियों को अपनाकर किसानों के लिए लाभदायक हो सकते हैं। उन्होंने अपने खेतों में बीमारियों के प्रकोप तथा मृत्यु दर को रोकने के लिए किसानों द्वारा नियमित टीकाकरण एवं प्रभावी आश्रय प्रबंधन के महत्व पर ज़ोर दिया।

Goa organized a Training-cum-Demonstration  Goa organized a Training-cum-Demonstration

डॉ. शिरीष डी. नारनवारे, अनुभाग प्रभारी, पशु एवं मत्स्य विज्ञान, ने प्रतिभागियों को उत्तर-पूर्वी पहाड़ी क्षेत्र में संगठित व्यावसायिक शूकर पालन, शूकर के मांस की मांग और विपणन के अवसरों के बारे में जानकारी दी।

संस्थान के वैज्ञानिकों ने शूकर की नस्लों, प्रजनन पद्धतियों, नवजात शूकर के बच्चों के प्रबंधन, आवास, आहार, प्रजनन देखभाल, तनाव प्रबंधन, स्वास्थ्य देखभाल, रोग निवारण, शूकर के घटकों के साथ एकीकृत कृषि, और शूकर के मांस के प्रसंस्करण एवं विपणन पर व्याख्यान दिए। कृमिनाशक, टीकाकरण, आहार तैयारी, भंडारण, बधियाकरण, वीर्य संग्रहण, प्रसंस्करण एवं कृत्रिम गर्भाधान पर व्यावहारिक प्रदर्शन आयोजित किए गए, साथ ही वैज्ञानिकों और किसान प्रशिक्षुओं के लिए संवादात्मक सत्र भी आयोजित किए गए। जनजाति लाभार्थियों को शूकर के बच्चे वितरित किया गया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल 27 प्रतिभागियों ने शिरकत की।

(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, गोवा)

×