2-4 सितंबर, 2025, वेल्लोर
जोन - X (तमिलनाडु, पुडुचेरी, आंध्र प्रदेश तथा तेलंगाना) के कृषि विज्ञान केन्द्रों की वार्षिक क्षेत्रीय समीक्षा कार्यशाला 2025, VIT परिसर, वेल्लोर में 2-4 सितंबर, 2025 तक आयोजित की गई। इस कार्यक्रम का आयोजन भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, ज़ोन X, हैदराबाद तथा विस्तार शिक्षा निदेशालय, टीएनएयू, कोयंबटूर द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
कार्यशाला का उद्घाटन डॉ. राजबीर सिंह, उप महानिदेशक (कृषि विस्तार), भाकृअनुप ने राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, डॉ. शेख एन. मीरा, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, हैदराबाद, विस्तार निदेशकों, 72 कृषि विज्ञान केन्द्रों के प्रमुखों तथा प्रख्यात वैज्ञानिकों की उपस्थिति में किया।

अपने संबोधन में, डॉ. सिंह ने अग्रिम पंक्ति विस्तार में 731 कृषि विज्ञान केन्द्रों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला तथा कृषि में उभरती चुनौतियों के समाधान हेतु केन्द्रित प्रयासों का आह्वान किया। उन्होंने कृषि विज्ञान केन्द्रों को सुदृढ़ बनाने के लिए सात कार्य-बिंदुओं की रूपरेखा प्रस्तुत की, जिनमें संरचित प्रशिक्षण मॉड्यूल, नैदानिक प्रयोगशालाएं, कृषि-प्रसंस्करण केन्द्र, कस्टम हायरिंग सुविधाएं, सुदृढ़ बीज प्रणालियां, समय पर कृषि-सलाह और किसान स्वयंसेवी नेटवर्क शामिल हैं। उन्होंने साझा शिक्षा के लिए विफलता के मामलों के अध्ययन के दस्तावेजीकरण के महत्व पर भी बल दिया।
अध्यक्षीय संबोधन देते हुए, डॉ. आर. तमीज़ वेंडन, कुलपति, कृषि विश्वविद्यालय, तमिलनाडु, ने किस्मों के संवर्धन, प्रौद्योगिकी प्रसार और विकास विभागों के साथ समन्वय में कृषि विज्ञान केन्द्रों के योगदान की सराहना की। उन्होंने नान मुधलवन फिनिशिंग स्कूल पहल के तहत तमिलनाडु सरकार के प्रमुख कार्यक्रम "वेत्री निचियम" के कार्यान्वयन में उनकी भूमिका पर भी प्रकाश डाला।
"एक परिवर्तनकारी कृषि भविष्य के लिए कृषि विज्ञान केन्द्रों का आधुनिकीकरण" विषय पर प्रस्तुति देते हुए, डॉ. शैक एन. मीरा ने जोन-X की उपलब्धियों की समीक्षा किया और पशुधन, बागवानी, गृह विज्ञान, बीज प्रणाली और विस्तार नवाचारों सहित आठ विषयगत क्षेत्रों में विचार-विमर्श की घोषणा किया। उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्रों के हस्तक्षेपों से उत्पादकता, आय, पोषण तथाग्रामीण सशक्तिकरण में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
एएनजीआरएयू और एसवीवीयू (आंध्र प्रदेश), एसकेएलटीएचयू (तेलंगाना), जीएनजेएफयू और जीआरआई (तमिलनाडु) के कुलपतियों ने भी सभा को संबोधित किया।

इस अवसर पर, भाकृअनुप ने किसानों तथा नीति निर्माताओं के लाभ के लिए कई कृषि विज्ञान केन्द्रों के प्रकाशन तथा राज्य-विशिष्ट प्रौद्योगिकी सिफारिशें जारी कीं।
इससे पहले, डॉ. पी.पी. मुरुगन, विस्तार शिक्षा निदेशक, टीएनएयू ने प्रतिभागियों का स्वागत किया।
कार्यशाला में राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के विस्तार निदेशकों, 72 कृषि विज्ञान केन्द्रों के कार्यक्रम समन्वयकों तथा अन्य हितधारकों ने भाग लिया। बड़े पैमाने पर अपनाने के लिए पहचानी गई प्रौद्योगिकियों एवं संबंधित नीति सिफारिशों पर प्रकाश डालने के लिए एक प्रेस वार्ता का भी आयोजन किया गया।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोन X, हैदराबाद)
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