22 जुलाई, 2025, बेंगलुरु
राष्ट्रीय पशु रोग महामारी विज्ञान नेटवर्क (एनएडीइएन) की तीसरी वार्षिक समीक्षा बैठक 21- 22 जुलाई, 2025 को भाकृअनुप-राष्ट्रीय पशु चिकित्सा महामारी विज्ञान एवं रोग सूचना विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु में आयोजित की गई, जिसमें 27 राज्यों और 2 केन्द्र शासित प्रदेशों के एनएडीइएन अन्वेषकों के साथ-साथ भाकृअनुप-निवेदी के वैज्ञानिक भी शामिल हुए।
डॉ. राघवेंद्र भट्टा, उप-महानिदेशक (पशु विज्ञान), भाकृअनुप ने इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया, जबकि डॉ. दिवाकर हेमाद्रि, सहायक महानिदेशक (पशु स्वास्थ्य), भाकृअनुप और डॉ. पी. श्रीनिवासु, निदेशक, पशुपालन एवं पशु चिकित्सा सेवा विभाग, कर्नाटक ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की।

डॉ. राघवेंद्र भट्टा ने अपने मुख्य संबोधन में एनएडीईएन को मज़बूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की तथा पशु रोग निगरानी पर एक अखिल भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान परियोजना (एआईसीआरपी) शुरू करने के प्रस्ताव की घोषणा की, जिसे आगामी ईएफसी में प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने सभी एनएडीईएन केन्द्रों से उच्च-गुणवत्ता वाले, मान्य आँकड़े सुनिश्चित करने का आग्रह किया और 2030 तक एफएमडी, पीपीआर, ब्रुसेलोसिस और रेबीज को समाप्त करने के राष्ट्रीय लक्ष्य की दिशा में एकीकृत प्रयासों का आह्वान किया।
डॉ. श्रीनिवासु ने नीति नियोजन में क्षेत्र-स्तरीय वास्तविकताओं को शामिल करने पर ज़ोर दिया और आईसीएआर-निवेदी की प्रकोप प्रतिक्रिया की सराहना की।
डॉ. हेमाद्रि ने पूर्वानुमान क्षमताओं को बढ़ाने के लिए सक्रिय, प्रहरी और पर्यावरणीय निगरानी को मज़बूत करने की आवश्यकता पर बल दिया।
डॉ. बलदेव आर. गुलाटी, निदेशक, भाकृअनुप-निवेदी ने अपने स्वागत संबोधन में उच्च-गुणवत्ता वाले क्षेत्र निगरानी आंकड़े तैयार करने में एनएडीईएन केन्द्रों की महत्वपूर्ण भूमिका पर ज़ोर दिया। उन्होंने भाकृअनुप-निवेदी की पहलों पर प्रकाश डाला, जिनमें एसएमएस-आधारित मासिक रोग चेतावनियाँ और पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एलएचडीसीपी) के लिए तकनीकी सहायता शामिल है। उन्होंने एनएडीईएन केन्द्रों के सहयोग से 2025- 26 में चुनिंदा पशुधन रोगों के लिए राज्यव्यापी प्रहरी निगरानी शुरू करने की घोषणा की।

एनएडीइएन की तीसरी वार्षिक समीक्षा बैठक ने पशुधन रोग निगरानी के प्रति राष्ट्रीय प्रतिबद्धता को सुदृढ़ किया
इस अवसर पर, भाकृअनुप-निवेदी द्वारा विकसित तीन नई डायग्नोस्टिक किट जारी की गईं:
• कैप्रिपॉक्स डिटेक्ट (भेड़ चेचक, बकरी चेचक और एलएसडी के लिए सैंडविच एलिसा)
• फ्लूकेवे (गोजातीय फैसिओलोसिस के लिए अप्रत्यक्ष एलिसा)
• सिस्टिस्योर (पोर्सिन सिस्टीसर्कोसिस के लिए अप्रत्यक्ष एलिसा)
इसके अतिरिक्त, तीन प्रमुख दस्तावेज़ भी जारी किए गए:
• एनएडीइएन वार्षिक रिपोर्ट 2024- 25
• एफएमडी निगरानी के लिए नमूनाकरण योजना
• पीपीआर प्रतिरक्षा मूल्यांकन के लिए नमूनाकरण योजना
इस दो दिवसीय कार्यक्रम में विस्तृत राज्य-स्तरीय प्रस्तुतियाँ और तकनीकी चर्चाएँ शामिल थीं, जिनमें वर्तमान निगरानी कवरेज, प्रकोप के रुझान, कार्यान्वयन चुनौतियों की समीक्षा की गई और 2025-26 के लिए गतिविधि के अंतिम पड़ाव तय किए गए।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय पशु चिकित्सा महामारी विज्ञान एवं रोग सूचना विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु)
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