भाकृअनुप-सीसीआरआई, नागपुर ने विदर्भ क्षेत्र से सिट्रस निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एपीडा के साथ किया सहयोग
भाकृअनुप-सीसीआरआई, नागपुर ने विदर्भ क्षेत्र से सिट्रस निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एपीडा के साथ किया सहयोग

16 फरवरी, 2024, नागपुर

भाकृअनुप-केन्द्रीय सिट्रस अनुसंधान संस्थान, नागपुर ने आज संस्थान में सिट्रस किसानों और निर्यातकों के लिए 'सिट्रस निर्यात को बढ़ावा देने के लिए उन्नत उत्पादन और कटाई के बाद की प्रौद्योगिकियों' पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम एपीडा द्वारा प्रायोजित था। यह सहयोग नागपुर मंदारिन के मृग बहार फलों की विदर्भ में चल रही फसल और निर्यात के मौसम को ध्यान में रखते हुए किया गया था।

ICAR-CCRI, Nagpur collaborates with APEDA to Boost Citrus Export from Vidarbha  ICAR-CCRI, Nagpur collaborates with APEDA to Boost Citrus Export from Vidarbha

प्रोफेसर प्रकाश कडू, एसोसिएट डीन, कृषि महाविद्यालय, डॉ. पी.डी.के.वी अकोला, नागपुर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि तथा श्री पी.ए. बामाने, सहायक प्रबंधक, एपीडा आरओ, मुंबई सम्मानित अतिथि थे।

भाकृअनुप-सीसीआरआई के निदेशक, डॉ. दिलीप घोष ने सिट्रस उत्पादन के लिए उपयुक्त भूमि, रूटस्टॉक और रोपण सामग्री के चयन के महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ. घोष ने किसानों से संस्थान द्वारा विकसित सिट्रस की खेती और प्रौद्योगिकियों के लिए प्रथाओं के वैज्ञानिक पैकेज को अपनाने का आग्रह किया और उन्हें कटर वालेंसिया जैसे मीठे संतरे की देर से पकने वाली निर्यात गुणवत्ता वाली किस्मों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने प्रतिभागियों को निर्यात-गुणवत्ता वाले फल प्राप्त करने के लिए अच्छी कृषि पद्धतियों का पालन करने पर जोर दिया।

भाकृअनुप-सीसीआरआई के वैज्ञानिकों ने किसानों को विभिन्न विधियों, जैसे- रोग और कीट प्रबंधन तथा निर्यात गुणवत्ता वाले खट्टे फलों के लिए कटाई के बाद के सिट्रस प्रबंधन पर तकनीकी सत्र प्रदान किया, जिसमें बातचीत एवं प्रतिक्रिया सत्र शामिल था।

कार्यक्रम में लगभग 120 सिट्रस किसानों, एफपीओ, एफपीसी एवं निर्यातकों ने भाग लिया।

(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय सिट्रस अनुसंधान संस्थान, नागपुर)

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