23-25 जनवरी, 2024, काहिकुची, गुवाहाटी
भाकृअनुप-पुष्प कृषि अनुसंधान निदेशालय, पुणे ने 23- 25 जनवरी, 2024 तक असम कृषि विश्वविद्यालय, काहिकुची के तहत बागवानी अनुसंधान स्टेशन में फ्लोरीकल्चर पर एआईसीआरपी की 32वीं वार्षिक आम बैठक का आयोजन किया।
मुख्य अतिथि, एएयू के कुलपति, डॉ. बी.सी. डेका ने कहा कि प्रौद्योगिकी व्यवसायीकरण समय की मांग है और नवीन विचारों को बाजार से जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने वैज्ञानिकों से विकासशील प्रौद्योगिकियों के व्यवसायीकरण पर अधिक ध्यान केन्द्रित करने का आग्रह किया।
डॉ. सुधाकर पांडे, सहायक महानिदेशक, (फूल/ सब्जी/ मसाले/ औषधीय पौधे) ने कहा कि वैज्ञानिकों को फूलों और फूल आधारित मूल्य वर्धित उत्पादों के व्यवसायीकरण की सुविधा के लिए हमेशा शोध योग्य मुद्दों की तलाश में रहना चाहिए।
राष्ट्रीय ऑर्किड अनुसंधान केन्द्र, सिक्किम के निदेशक, डॉ. शंकर प्रसाद दास ने व्यवसायीकरण के लिए फूलों के विविध विकास की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
डॉ. के.वी. प्रसाद, निदेशक, पुष्पकृषि अनुसंधान निदेशालय, पुणे ने पिछले एक वर्ष के दौरान समूह द्वारा की गई प्रगति पर जोर दिया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह कार्यशाला देश के फूलों की खेती के क्षेत्र में अनुसंधान गतिविधियों को व्यवस्थित एवं बेहतर बनाने में काफी मददगार साबित होगी।
इंटरफ़ेस में, असम सरकार सरकार के निदेशक (बागवानी) तथा नागालैंड के उप-निदेशक (बागवानी) ने भाग लिया और उस तकनीक के बारे में जानकारी प्राप्त की जो भाकृअनुप अपने संबंधित राज्यों में फूलों की खेती के समग्र विकास के लिए प्रदान कर सकता है, विशेष रूप से असम सरकार द्वारा शुरू किए गया फ्लोरीकल्चर मिशन को आगे बढ़ाने के लिए। कार्यशाला के अंतिम दिन किसान वैज्ञानिक संवाद का आयोजन किया गया, जिसमें राज्य भर से पचास प्रगतिशील फूल उत्पादकों ने कार्यशाला में भाग लिया।
उद्घाटन सत्र के दौरान एआईसीआरपी-फ्लोरीकल्चर के तहत देश के विभिन्न केन्द्रों द्वारा तैयार फूलों की फसलों पर कई तकनीकी बुलेटिन जारी किए गए।
देश के विभिन्न एआईसीआरपी केन्द्रों द्वारा विकसित विभिन्न फूल आधारित मूल्य वर्धित उत्पाद जैसे पुष्प कुकीज़ (रोमिहो: रोज़ मिलेट हनी), हिबिस्कस चाय, गुलाब चाय, अगरबत्ती, गुलाल, पुष्प कैलेंडर, पुष्प शिल्प, स्मृति चिन्ह आदि को औपचारिक रूप से लॉन्च किया गया। विभिन्न भाषाओं में ट्यूबरोज़ ब्लॉसम मिज के प्रबंधन पर एक वीडियो ग्राफिक सलाह भी जारी की गई।
कार्यशाला में देश भर से एआईसीआरपी-फ्लोरीकल्चर के तहत 22 अनुसंधान केन्द्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग 80 कृषि वैज्ञानिकों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-पुष्प कृषि अनुसंधान निदेशालय, पुणे)
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