24- 25 जनवरी, 2024, गोवा
भाकृअनुप-केवीके, केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान (सीसीएआरआई), उत्तरी गोवा ने केवीके के माध्यम से प्राकृतिक खेती के आउट-स्केलिंग के हिस्से के रूप में 24 से 25 जनवरी, 2024 तक सत्तारी तालुका की भिरौंडा पंचायत के अदवोई सत्तारी गोवा गांव में दो दिवसीय प्राकृतिक खेती प्रशिक्षण-सह-प्रदर्शन का आयोजन किया।
कार्यक्रम के दौरान भाकृअनुप-सीसीएआरआई के निदेशक, डॉ. परवीन कुमार उपस्थित रहे।
मुख्य अतिथि, भिरौंडा पंचायत के सरपंच, श्री उदयसिंग आई. राणे ने किसानों से मिट्टी के बेहतर स्वास्थ्य के लिए उर्वरकों और कीटनाशकों का कम से कम उपयोग करने का आग्रह किया।
डॉ. एन. बोम्मयासामी, वरिष्ठ वैज्ञानिक और प्रमुख, भाकृअनुप-केवीके, सीसीएआरआई ने बीजामृत, घन जीवामृत, जीवामृत और मल्चिंग जैसी प्राकृतिक कृषि पद्धतियों को अपनाने के महत्व पर जोर दिया, जो मृदा के स्वास्थ्य एवं उर्वरता, मृदा में कार्बनिक कार्बन सामग्री तथा मृदा माइक्रोबियल बायोमास में सुधार करते हैं।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, गोवा)
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