3- 17 जनवरी, 2024, नागालैंड
भाकृअनुप-राष्ट्रीय मिथुन अनुसंधान केन्द्र (एनआरसीएम), नागालैंड ने पशु चिकित्सा क्षेत्र सहायक संस्थान के सहयोग से पशु चिकित्सा क्षेत्र सहायक छात्रों के लिए 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया।
कार्यक्रम का उद्देश्य मिथुन सहित पशुधन पालन विधियों के बारे में छात्रों को शिक्षित करना और जागरूकता पैदा करना तथा उनके ज्ञान एवं कौशल को बढ़ाना था। पूर्वोत्तर भारत में मिथुन तथा अन्य पशुधन के महत्व, अर्ध-सघन मिथुन पालन, पशुधन फार्म में जैव सुरक्षा का महत्व, मिथुन की विभिन्न श्रेणियों की देखभाल एवं प्रबंधन, उनके चयन, प्रजनन तथा भोजन, मिथुन और अन्य पशुओं के लिए चारा संसाधन प्रबंधन, स्वास्थ्य तथा प्रजनन प्रबंधन, आदि जैसे विभिन्न विषयों पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। छात्रों ने भोजन से लेकर पशु शेड की सफाई, सांद्र मिश्रण की तैयारी, मूल्य वर्धित दूध तथा मांस उत्पादों, चारा और खनिज ब्लॉक की तैयारी, मिथुन पालन की नियमित गतिविधियों, परजीवियों के लिए मल के नमूनों को संभालना, पहचानना, संग्रह करना तथा जांच करना, खेत के कचरे के माध्यम से वर्मीकम्पोस्ट तैयार करना साथ ही गर्मी का पता लगाना, वीर्य संग्रह और क्रायोप्रिजर्वेशन सहित अन्य गतिविधियाँ को नजदीक से अवलोकन किया।
डॉ. गिरीश पाटिल एस., निदेशक, भाकृअनुप-एनआरसीएम, डॉ. इनाटो जिमोमी, प्रिंसिपल, वीएफएटीआई, मेडजिफेमा, भाकृअनुप-एनआरसीएम के अन्य सदस्य तथा वीएफए प्रशिक्षु इस अवसर पर उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में कुल 10 विद्यार्थियों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय मिथुन अनुसंधान केन्द्र, नागालैंड)
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