16 अक्टूबर, 2025, नई दिल्ली
भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के खाद्य विज्ञान एवं कटाई उपरांत प्रौद्योगिकी प्रभाग ने संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) की स्थापना के 80वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में विश्व खाद्य दिवस 2025 मनाया, जो भूख से मुक्त विश्व के दृष्टिकोण हेतु आठ दशक से समर्पित है।
इस समारोह में खाद्यान्न हानि को कम करने, पोषण गुणवत्ता में सुधार लाने तथा उपभोक्ताओं तक खाद्यान्न की सुरक्षित एवं कुशलतापूर्वक पहुँच सुनिश्चित करने में कटाई-पश्चात प्रौद्योगिकियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला गया। सतत खाद्य प्रणालियों के साथ नवीन कटाई-पश्चात हस्तक्षेपों को एकीकृत करके, भाकृअनुप-आईएआरआई राष्ट्रीय एवं वैश्विक खाद्य सुरक्षा लक्ष्यों में योगदान देना जारी रखे हुए है।
'बेहतर खाद्य पदार्थों और बेहतर भविष्य के लिए हाथ मिलाना' की वैश्विक थीम के तहत आयोजित इस कार्यक्रम ने वैश्विक खाद्य सुरक्षा को मज़बूत करने के लिए आपसी सहयोग के महत्व पर ज़ोर दिया। यह भाकृअनुप-आईएआरआई की नवीन कृषि और कटाई-पश्चात तकनीकों के विकास के प्रति निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाता है जो किसानों एवं उपभोक्ताओं दोनों के लिए लाभकारी हों साथ ही स्वस्थ एवं टिकाऊ जीवन को बढ़ावा दे।

डॉ. श्याम नारायण झा, उप-महानिदेशक (कृषि अभियांत्रिकी), भाकृअनुप, ने भोजन को एक मौलिक मानव अधिकार बताते हुए स्वस्थ आहार पद्धतियों को सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने छात्रों को 2047 तक भारत की विकास यात्रा में सार्थक योगदान देने के लिए अपने शोध को सामाजिक और क्षेत्रीय प्राथमिकताओं के साथ जोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया।
डॉ. विश्वनाथन चिन्नुसामी, संयुक्त निदेशक (अनुसंधान), भाकृअनुप-आईएआरआई, ने सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी से निपटने और जनसंख्या की पोषण सुरक्षा बढ़ाने की एक प्रमुख रणनीति के रूप में जैव-प्रबलित फसलों पर भाकृअनुप-आईएआरआई के चल रहे शोध पर प्रकाश डाला।
डॉ. वी.बी. पटेल, सहायक महानिदेशक (बागवानी), भाकृअनुप और डॉ. पी. एस. ब्रह्मानंद, निदेशक, डब्ल्यूटीसी परियोजना, भाकृअनुप-आईएआरआई के भी इस अवसर पर उपस्थित थे। उन्होंने सभी के लिए पौष्टिक और किफायती भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने में सतत कृषि पद्धतियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर ज़ोर दिया।
अपने अनुसंधान उत्कृष्टता के अलावा, भाकृअनुप-आईएआरआई किसानों और विस्तार कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से क्षमता निर्माण और ज्ञान प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, तथा टिकाऊ और कुशल फसलोत्तर प्रबंधन प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।
विश्व खाद्य दिवस 2025 का आयोजन करके, भाकृअनुप-आईएआरआई ने सहयोगात्मक कार्रवाई के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की है, और यह सुनिश्चित किया है कि एक स्थायी तथा समतापूर्ण खाद्य भविष्य के निर्माण के सामूहिक प्रयास में कोई भी पीछे न छूटे।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली)
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