आईएआरआई-असम ने सीआरआरआई-कटक से आरआरएलआरआरएस, गेरुआ का किया अधिग्रहण

आईएआरआई-असम ने सीआरआरआई-कटक से आरआरएलआरआरएस, गेरुआ का किया अधिग्रहण

31 अगस्त, 2025, असम

भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, असम ने भाकृअनुप-केन्द्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक से क्षेत्रीय वर्षा आधारित निम्न भूमि चावल अनुसंधान केन्द्र (आरआरएलआरआरएस), गेरुआ, कामरूप का औपचारिक रूप से अधिग्रहण कर लिया है।

हस्तांतरण समारोह में डॉ. चेरुकमल्ली श्रीनिवास राव, निदेशक एवं कुलपति, भाकृअनुप-आईएआरआई उपस्थित थे।

IARI-Assam Takes Over RRLRRS, Gerua from CRRI-Cuttack

इस अवसर पर, डॉ. कंचन सैकिया, प्रभारी प्रमुख, आरआरएलआरआरएस, गेरुआ ने औपचारिक रूप से डॉ. एल.के. बैश्य, प्रभारी, भाकृअनुप-आईएआरआई-असम को केन्द्र का प्रभार सौंप दिया, जो क्षेत्र के किसानों के लिए जिम्मेदारियों के हस्तांतरण तथा नए अवसरों की शुरुआत का प्रतीक है।

इस कार्यक्रम में बोलते हुए, डॉ. राव ने पूर्वोत्तर में कृषि नवाचार की अपार संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि इस अधिग्रहण से चावल, बागवानी फसलों तथा क्षेत्र की विशिष्ट कृषि-जलवायु परिस्थितियों के अनुरूप एकीकृत कृषि प्रणालियों में अनुसंधान को गति मिलेगी।

इस अवसर पर, भाकृअनुप-आईएआरआई-असम ने "चावल आधारित एकीकृत कृषि प्रणालियों में हालिया प्रगति" विषय पर एक संवाद एवं जागरूकता-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में नलबाड़ी, बक्सा तथा कामरूप जिलों के लगभग 100 किसानों ने सक्रिय भागीदारी की।

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विशेषज्ञों ने छोटे और सीमांत किसानों की आजीविका में सुधार के लिए वैज्ञानिक धान की खेती, फसल विविधीकरण एवं सतत संसाधन प्रबंधन के महत्व पर प्रकाश डाला।

यह कार्यक्रम पूर्वोत्तर में किसान सशक्तिकरण, सतत कृषि तथा खाद्य सुरक्षा के प्रति भाकृअनुप-आईएआरआई-असम की प्रतिबद्धता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।

(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, असम)

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