23-24 सितंबर 2016
देश में पशुरोग स्थिति एवं नियंत्रण और राष्ट्रीय निगरानी प्रणाली की समीक्षा बैठक गांधीनगर में आयोजित की गई। पशुरोग नियंत्रण एवं निगरानी पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना की 24 राष्ट्रीय समीक्षा बैठक में पशुरोग निगरानी भाकृअनुप – राष्ट्रीय पशुरोग जानपदिक एवं सूचना विज्ञान संस्थान, बेंगलूरू ने भी सहभागतिता की। बैठक का उद्घाटन संयुक्त रूप से डॉ. एच. रहमान, उपमहानिदेश (पशु विज्ञान), भाकृअनुप, नई दिल्ली और श्रीमती अंजू शर्मा, प्रधान सचिव, उच्च एवं प्रौद्योगिकी शिक्षा, गुजरात द्वारा किया गया।
डॉ. एच. रहमान ने अपने संबोधन में भाकृअनुप द्वारा देश में पशुरोग नियंत्रण, निगरानी, रोग प्रबंधन और सीमा पार रागों को रोकने संबंधी प्रयासों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह की समीक्षा बैठकों से प्रभावी पशुरोगों महामारी की वास्तविक स्थिति के बारे में पता चलेगा जिसके आधार पर नियंत्रण उपायों को तैयार करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि स्थानीय गाय व भैस नस्लों द्वारा उत्पादित ए2 दूध और देसी किस्मों के संरक्षण की आवश्यकता है।
श्रीमती अंजू शर्मा ने परिषद एवं पशुपालन विभाग द्वारा गुजरात में पशुधन स्वास्थ की वृद्धि में दिये गए योगदान की सराहना की। उन्होंने किसान केन्द्रित आमदनी बढ़ाने व ए2 व अन्य पशु उत्पादों की बाजार श्रृंखला के विकास पर जोर दिया।
प्रो. एम.सी. वार्ष्णेय, कुलपति, कामधेनु विश्वविद्यालय ने गहन डेरी और स्वदेशी नस्लों के संरक्षण की पृष्ठभूमि में पशुरोगों के व्यवस्थित अध्ययन की जरूरत के बारे में विचार रखा।
पशुपालन एवं पशुचिकित्सा सेवा विभाग, गुजरात के वरिष्ठ अधिकारियों, एडीएमएएस पर एआईसीआरपी के 32 प्रमुख पर्यवेक्षकों, कामधेनु और आणंद कृषि विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों एवं आईसीएआर- एनआईवीईडीआई के वैज्ञानिकों ने इस मीटिंग में भाग लिया।
(स्रोतः भाकृअनुप – राष्ट्रीय पशुरोग जानपदिक एवं सूचना विज्ञान संस्थान, हेब्बल, बेंगलूरू)








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