19 अक्टूबर, 2025, बेंगलुरु
भाकृअनुप-राष्ट्रीय कृषि कीट संसाधन ब्यूरो, बेंगलुरु ने अपने येलहंका परिसर में तीसरे जैव नियंत्रण एक्सपो 2025 के सफल आयोजन के साथ अपना 33वां स्थापना दिवस मनाया। भारत में जैविक नियंत्रण अनुसंधान के लिए नोडल संस्थान के रूप में, भाकृअनुप-एनबीएआईआर ने लगातार तीसरे वर्ष इस आयोजन की मेजबानी की, जिसमें पर्यावरण-अनुकूल कीट प्रबंधन प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला गया।
इस समारोह का उद्घाटन श्री एच.डी. कुमारस्वामी, केन्द्रीय भारी उद्योग एवं इस्पात मंत्री, ने किया, जिन्होंने मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होकर इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। इस कार्यक्रम में सुश्री शोभा करंदलाजे, केन्द्रीय एमएसएमई तथा श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री और पद्मश्री डॉ. सी.एन. मंजूनाथ, सांसद, बेंगलुरु ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। डॉ. एस. एन.सुशील, निदेशक, भाकृअनुप-एनबीएआईआर, ने समारोह की अध्यक्षता की।
अपने संबोधन में, डॉ. एस.एन. सुशील ने जैविक कीट प्रबंधन में ब्यूरो की उपलब्धियों, चल रहे अनुसंधान और तकनीकी नवाचारों पर प्रकाश डाला। उन्होंने रासायनिक कीटनाशकों के अति प्रयोग को कम करने तथा पारिस्थितिक तंत्र तथा मानव स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए स्थायी कीट नियंत्रण समाधानों को अपनाने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने स्थायी कृषि के लिए किसान-हितैषी जैव-नियंत्रण प्रौद्योगिकियों के विकास एवं प्रसार हेतु भाकृअनुप-एनबीएआईआर की प्रतिबद्धता की पुनः पुष्टि की।
स्थापना दिवस व्याख्यान देते हुए, श्री एच.डी. कुमारस्वामी ने किसानों को नारियल, मक्का, अंगूर और अनार जैसी फसलों में जैव-नियंत्रण-आधारित कीट प्रबंधन पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि कीटनाशक अवशेषों को कम किया जा सके तथा कृषि लाभप्रदता बढ़ाई जा सके।
सुश्री शोभा करंदलाजे ने कृषि विज्ञान केन्द्रों (केवीके) से किसानों को लाभकारी एवं हानिकारक कीटों की पहचान करने के लिए प्रशिक्षित करने और अनुसंधान नवाचारों को प्रयोगशाला से भूमि तक पहुँचाने में भाकृअनुप-एनबीएआईआर के साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया। डॉ. सी.एन. मंजूनाथ ने मानव स्वास्थ्य एवं पर्यावरण पर रासायनिक कीटनाशकों के प्रतिकूल प्रभावों पर प्रकाश डाला और जैविक विकल्पों को अधिकाधिक अपनाने की वकालत की। इस अवसर पर श्री थावर चंद गहलोत, माननीय राज्यपाल, कर्नाटक, का स्थापना दिवस संदेश भी पढ़ा गया, जिसमें जैविक नियंत्रण विधियों को बढ़ावा देने में एनबीएआईआर के योगदान की सराहना की गई।
इस कार्यक्रम में कर्नाटक और महाराष्ट्र के प्रगतिशील किसानों का सम्मान तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के किसानों को एससीएसपी और टीएसपी कार्यक्रमों के अंतर्गत कृषि आदानों का वितरण भी शामिल था।
बायोकंट्रोल एक्सपो 2025 में किसानों, छात्रों, वैज्ञानिकों और आम जनता सहित 4,000 से अधिक आगंतुकों की प्रभावशाली उपस्थिति रही।
कुल 34 स्टॉलों पर भाकृअनुप-एनबीएआईआर, अन्य भाकृअनुप संस्थानों, कृषि विज्ञान केन्द्रों और उद्योग भागीदारों की नवीन जैव नियंत्रण तकनीकों, पर्यावरण-अनुकूल कृषि आदानों तथा वाणिज्यिक उत्पादों का प्रदर्शन किया गया। हासन, मांड्या, कोलार, चिक्काबल्लापुर, बेंगलुरु ग्रामीण, तुमकुरु, रामनगर (कर्नाटक) और लातूर, सोलापुर (महाराष्ट्र) के विभिन्न जिलों के किसानों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिससे यह आयोजन भारत में जैविक कीट प्रबंधन एवं टिकाऊ कृषि पद्धतियों को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बन गया।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय कृषि कीट संसाधन ब्यूरो, बेंगलुरु)







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