16 अक्टूबर, 2025, हैदराबाद
डॉ. एम.एल. जाट, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) ने आज भाकृअनुप-भारतीय तिलहन अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद का दौरा किया।
इस दौरान, डॉ. जाट ने संस्थान के वैज्ञानिक, तकनीकी तथा प्रशासनिक कर्मचारियों से बातचीत की। उन्होंने भारतीय तिलहन अनुसंधान को आगे बढ़ाने में भाकृअनुप-आईआईओआर की महत्वपूर्ण भूमिका और संस्थान द्वारा विकसित तकनीकों की प्रासंगिकता की सराहना की। उन्होंने बताया कि तिलहनों में आत्मनिर्भरता हासिल करना भारत सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने वैज्ञानिकों से किसानों की सेवा के उद्देश्य से और तिलहन फसलों से जुड़ी प्रमुख समस्याओं का समाधान करके राष्ट्र के सर्वोत्तम हित में कार्य करने का आग्रह किया। उन्होंने वैज्ञानिकों से तिलहन फसलों से जुड़े अन्य संस्थानों और सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया। उन्होंने वैज्ञानिकों से संस्थान के लिए एक लक्ष्य निर्धारित करने, परिणामों, आउटपुट तथा गतिविधियों पर काम करने एवं लक्ष्य प्राप्ति में आने वाली बाधाओं की पहचान करने का आग्रह किया। उन्होंने सदन को बताया कि भाकृअनुप ने संचार, डेटा संग्रह तथा प्रबंधन एवं कृषि में महिलाओं के लिए नई नीतियां लागू की हैं और इन नीतियों के अनुरूप कार्य करने पर ज़ोर दिया।

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि विकसित भारत का लक्ष्य किसानों के उत्पादन और आय में वृद्धि करके ही प्राप्त किया जा सकता है।
इससे पहले, डॉ. आर.के. माथुर, निदेशक, भाकृअनुप-आईआईओआर, ने संस्थान द्वारा विकसित कई नवीन तकनीकों, बायो-पॉलिमर तकनीक सहित मूल्य वर्धित उत्पादों एवं संस्थान द्वारा पोषित उद्यमियों और एफपीओ के उत्पादों का प्रदर्शन किया।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय तिलहन अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद)







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