29 अगस्त, 2025, बेंगलुरु
केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, श्री शिवराज सिंह चौहान ने भाकृअनुप-राष्ट्रीय पशु चिकित्सा महामारी विज्ञान एवं रोग सूचना विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु का दौरा किया। इस अवसर पर, उन्होंने अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ संस्थान परिसर में पौधारोपण किया तथा सतत प्रथाओं के महत्व पर प्रकाश डाला।
इस दौरे के दौरान, मंत्री महोदय ने रोग सूचना विज्ञान प्रयोगशाला और रोग पूर्वानुमान, पूर्वानुमान मॉडलिंग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता तथा मशीन लर्निंग अनुप्रयोगों के लिए इसकी उन्नत प्रणालियों की समीक्षा की। उन्होंने कर्नाटक के किसानों को सीधे एसएमएस-आधारित पशुधन रोग परामर्श भेजने की संस्थान की पहल की सराहना की और अन्य राज्यों में भी इस सेवा के विस्तार के लिए पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने वैज्ञानिक समुदाय से आग्रह किया कि वे आओटी (IoT), एसएमएस (SMS) तथा अन्य डिजिटल तकनीकों का उपयोग करके समय-समय पर प्रसारण के माध्यम से कृषि संबंधी अधिक से अधिक सेवाएं प्रदान करें।

श्री चौहान ने संस्थान की अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं का भी निरीक्षण किया, जिनमें पेस्ट डेस पेटिट्स रुमिनेंट्स (पीपीआर) और लेप्टोस्पायरोसिस के लिए ढब्ल्यूओएएच (विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन) संदर्भ प्रयोगशालाएं भी शामिल है। वैज्ञानिकों और विद्वानों के साथ बातचीत करते हुए, उन्होंने कृषक समुदाय की चुनौतियों के समाधान में उनके अमूल्य योगदान के लिए उन्हें "आधुनिक महर्षि" बताया। उन्होंने संस्थान की गतिविधियों की समीक्षा भी की और किसानों, पशुधन उद्यमियों, स्टार्ट-अप्स एवं अन्य हितधारकों के साथ बातचीत की।
मंत्री महोदय का स्वागत करते हुए, डॉ. बी.आर. गुलाटी, निदेशक, भाकृअनुप-निवेदी ने संस्थान के अधिदेश, उपलब्धियों एवं राष्ट्रीय पशु स्वास्थ्य पहलों तथा रोग नियंत्रण कार्यक्रमों में योगदान पर प्रकाश डाला, जिनमें पीपीआर, ब्रुसेलोसिस, क्लासिकल स्वाइन फीवर, खुरपका-मुंहपका रोग और गांठदार त्वचा रोग शामिल हैं। उन्होंने स्थानिक पशुधन रोगों के आर्थिक प्रभाव पर भाकृअनुप-निवेदी के कार्यों और आईसीएमआर, डीबीटी और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के सहयोग से वन हेल्थ पहलों में प्रगति पर भी प्रकाश डाला।
मंत्री महोदय ने पशुपालकों की एक कार्यशाला को भी संबोधित किया, जहां उन्होंने 100 से अधिक प्रगतिशील किसानों के साथ बातचीत की, जिन्होंने निवेदी की तकनीकों को सफलतापूर्वक अपनाया है साथ ही पशुधन उद्यमिता एवं मूल्य वर्धित डेयरी उत्पादन के लिए प्रशिक्षण प्राप्त किया है। इस अवसर पर, किसानों को दूध के डिब्बे, चारा मिश्रण तथा अन्य सामग्री वितरित की गई। उन्होंने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए उन्हें कृषि, पशुपालन एवं मत्स्य पालन को मिलाकर एकीकृत खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। स्वदेशी उत्पादों के महत्व पर ज़ोर देते हुए, उन्होंने कृषि में अधिक आत्मनिर्भरता और विदेशी वस्तुओं पर निर्भरता कम करने का आह्वान किया।
यह दोहराते हुए कि "किसान अन्नदाता हैं और उनकी सेवा करना ईश्वरीय पूजा के समान है", श्री चौहान ने अपने संदेश को प्रधानमंत्री के एक मज़बूत भारत के निर्माण और विश्व की शीर्ष अर्थव्यवस्था का दर्जा हासिल करने के दृष्टिकोण के अनुरूप बताया। उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि सरकार बाहरी दबावों के आगे झुके बिना हर कीमत पर उनके हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने छात्रों एवं शोधार्थियों को कृषि तथा किसानों की निस्वार्थ सेवा हेतु अपना करियर समर्पित करने के लिए प्रोत्साहित किया।
मंत्री ने सटीक मौसम पूर्वानुमान, सूचना प्रणालियों की अधिक सटीकता और पशुधन स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए नवाचारों के साथ भारतीय कृषि को आगे बढ़ाने हेतु विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में रणनीतिक योजना की आवश्यकता पर भी बल दिया।
कार्यक्रम में श्री वी. सोमन्ना, केन्द्रीय रेल एवं जल शक्ति राज्य मंत्री, श्री एस.आर. विश्वनाथ, विधायक, डॉ. राघवेंद्र भट्टा, उप-महानिदेशक (पशु विज्ञान), भाकृअनुप तथा बेंगलुरु क्षेत्र के भाकृअनुप संस्थानों के निदेशकों के साथ-साथ वैज्ञानिक, विद्वान एवं हितधारक उपस्थित थे।

प्रदर्शनी स्टालों पर, भाकृअनुप-निवेदी ने ब्रुसेलोसिस, एलएसडी, लेप्टोस्पायरोसिस, आबीआर तथा परजीवी संक्रमण जैसी बीमारियों के लिए मेक इन इंडिया के तहत एनएडीआरइएस, एनएएवीआईसी और स्वदेशी रूप से विकसित इम्यूनो-डायग्नोस्टिक्स जैसी अपनी प्रमुख पहलों का प्रदर्शन किया। एनएएवीआईसी एग्री-बिजनेस इन्क्यूबेटर के तहत कई स्टार्ट-अप इनक्यूबेटर, जिनमें एग्रीहॉक टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, मैग्नीमस इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड, केम्पमैन बायोऑर्गेनिक्स एलएलपी, बार्वे टेक्नोलॉजीज एलएलपी, अत्सुया टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, नैनोसेंट्रिक्स प्राइवेट लिमिटेड, वेदर कास्ट सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, एग्रीबोटिक सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड और नीर शक्ति सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं, ने अपने नवाचारों का प्रदर्शन किया। एनएएवीआईसी ने एमओएएफडब्ल्यू की आरकेवीआई -आरएएफटीएएआर योजना के तहत ₹7 करोड़ से अधिक अनुदान सहायता के साथ 75 से अधिक स्टार्ट-अप का समर्थन किया है। बायोवेट प्राइवेट लिमिटेड और केएमएफ जैसे उद्योग भागीदारों ने भी अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया, जबकि भाकृअनुप-आईआईएचआर ने बागवानी प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया।
इस यात्रा ने न केवल भाकृअनुप-निवेदी के महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय योगदान को उजागर किया, बल्कि किसानों, वैज्ञानिकों, स्टार्ट-अप्स और उद्यमियों के साथ सार्थक जुड़ाव के माध्यम से समावेशी कृषि तथा पशुधन विकास के दृष्टिकोण को एक नई गति भी दी।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय पशु चिकित्सा महामारी विज्ञान एवं रोग सूचना विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु)
फेसबुक पर लाइक करें
यूट्यूब पर सदस्यता लें
X पर फॉलो करना X
इंस्टाग्राम पर लाइक करें