20 जुलाई, 2021, झाँसी
भाकृअनुप-भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान, झाँसी, उत्तर प्रदेश ने अपने कृषि-व्यवसाय ऊष्मायन केंद्र (ABIC) के माध्यम से आज ‘भाकृअनुप-आईजीएफआरआई चारा और चारा उत्पादों तथा इसके विपणन पर विभिन्न हितधारकों का एक राष्ट्रीय मंच बनाने’ पर एक राष्ट्रीय आभासी बैठक का आयोजन किया।
अपने संबोधन में, डॉ. अशोक कुमार सिंह, उप महानिदेशक (कृषि विस्तार), भाकृअनुप ने चारे के उत्पादन को बढ़ाने के लिए भाकृअनुप-संस्थानों के तकनीकी समाधानों पर जोर दिया। डीडीजी द्वारा भारत के विभिन्न भागों में चारे के उत्पादन और उपयोग के क्षेत्र-विशिष्ट मानचित्रण का भी सुझाव दिया गया था। डॉ. सिंह ने चारा आपूर्ति श्रृंखला में सहकारिता और मशीन निर्माण को शामिल करने के महत्त्व पर प्रकाश डाला।
डॉ. ओ. पी चौधरी, आई. ए. एस. और संयुक्त सचिव, पशुपालन एवं डेयरी विभाग, भारत सरकार ने चारा उद्योग में शामिल असंगठित और छोटे हितधारकों के लिए उत्पाद विकास का आग्रह किया। उन्होंने चारा पर उप-मिशन के माध्यम से राष्ट्रीय पशुधन मिशन से रोजगार सृजन और अनुसंधान वित्त पोषण के समर्थन पर भी जोर दिया।
डॉ. एन. पी. सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-आईआईपीआर, कानपुर, उत्तर प्रदेश ने दलहन फसल के अवशेषों के उपयोग की एक विशाल गुंजाइश के अस्तित्व को रेखांकित किया, जिसका उपयोग कुल मिश्रित राशन बनाने के लिए किया जा सकता है।
डॉ. अमरेश चंद्र, निदेशक, भाकृअनुप-आईजीएफआरआई, झाँसी, उत्तर प्रदेश ने जोर देकर कहा कि यह मंच देश में पहली दाना और चारा क्रांति पैदा कर सकता है।
श्री अशोक वधावन, संस्थापक, विन-विन सॉल्यूशंस, गुरुग्राम, हरियाणा ने प्रस्तावित मंच में निजी भागीदारों की भूमिका पर प्रकाश डाला।
बैठक का मुख्य उद्देश्य विभिन्न हितधारकों के बीच व्यावसायिक संबंधों को विकसित करना तथा देश और विदेशों में दाना और चारा उत्पादों पर उत्पादन व विपणन माध्यम (चैनल) स्थापित करना था।
बैठक का आयोजन पशुपालन और डेयरी विभाग, भारत सरकार; भारतीय किसान उर्वरक सहकारी (इफको), नई दिल्ली; आनंद मिल्क यूनियन लिमिटेड (AMUL), आनंद, गुजरात; इंडिया टोबैको कंपनी लिमिटेड, हैदराबाद; राष्ट्रीय बीज निगम लिमिटेड (एनएससी), नई दिल्ली; राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (NAFED), नई दिल्ली; भाकृअनुप-भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान, कानपुर, उत्तर प्रदेश; विन-विन सॉल्यूशन, गुरुग्राम, हरियाणा के सहयोग से किया गया था।
बैठक में विचार-विमर्श के दौरान भाकृअनुप-संस्थानों एवं मुख्यालय, डीएएचडी, इफको और अमूल के वरिष्ठ अधिकारियों सहित कुल 30 प्रतिभागियों ने भी भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान, झाँसी, उत्तर प्रदेश)
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