12 दिसंबर, 2019, पुणे
भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, पुणे ने आज कोल्हापुर में ‘महाराष्ट्र और गुजरात के कृषि विज्ञान केंद्रों के लिए कृषि में युवाओं को आकर्षित करने और बनाए रखने (आर्या)’ विषय पर समीक्षा कार्यशाला का आयोजन किया।
डॉ. के. नारायण गौड़ा, पूर्व कुलपति, कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, बेंगलुरु ने बतौर मुख्य अतिथि इच्छुक ग्रामीण युवाओं की पहचान करने, उन्हें विभिन्न कृषि और संबद्ध क्षेत्र के उद्यमों को शुरू करने के लिए सशक्त बनाने, और सतत आय और लाभप्रद रोजगार के लिए उद्यमशीलता कौशल विकास की दिशा में उन्मुख करने पर जोर दिया। उन्होंने कृषि में ग्रामीण युवाओं की कम होते रुचि पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि खेती को लाभदायक क्षेत्र बनाना अधिक चुनौतीपूर्ण कार्य है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में खेती की शून्यता को भरने का आग्रह किया। डॉ. गौड़ा ने स्थानीय लोगों/ग्रामीणों की माँगों, आवश्यक लागतों और बाज़ार के अनुसार उद्यमों की पहचान करने का आग्रह किया। उन्होंने उद्यम के भरण-पोषण के लिए अन्य एजेंसियों से वित्तीय सहायता की खोज करने की भी राय दी।
डॉ. लाखन सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, पुणे ने कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञों से चिन्हित/इच्छुक ग्रामीण युवाओं में उद्यमशीलता कौशल विकसित करने का आग्रह किया। उन्होंने लाभदायक रोजगार के लिए ग्रामीण युवाओं से बाजार की मांगों के बारे में सतर्क रहने, परिकलित जोखिम की कल्पना करने, सही उद्यम चुनने, आत्मविश्वास का निर्माण करने और गुणवत्तापूर्ण उत्पाद के चयन करने का आग्रह किया।
कुल 11 आर्या केंद्रों (नागपुर, राजकोट, उस्मानाबाद, भावनगर, पुणे, खेड़ा, वाशिम, नवसारी, शोलापुर, आनंद और नासिक) ने वर्ष 2019-20 के लिए अपनी प्रगति रिपोर्ट और वर्ष 2020-21 के लिए कार्य योजना प्रस्तुत की।
इस अवसर पर भाकृअनुप-संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, पुणे)
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